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उंगली से चार्ज होगा फोन,पैदा होगी बिजली (The phone will be charged with the finger and electricity will be generated)

उंगली से चार्ज होगा फोन,पैदा होगी बिजली (The phone will be charged with the finger and electricity will be generated)

उंगली से चार्ज होगा फोन,पैदा होगी बिजली (The phone will be charged with the finger and electricity will be generated)

स्मार्टफोन का इस्तेमाल हर काम के लिए करते हैं. काम आसान हो गया है. हम उंगलियों से भी फोन को चार्ज कर सकते हैं, कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने ऐसी मशीन बनाई है जो उंगलियों के पसीने से बिजली बनाती है और फिर उस बिजली से फोन चार्ज होता है. बताते हैं यह टेक्नोलॉजी...
We use smartphones for every work. Work has become easier. We can charge the phone even with our fingers, a few years ago scientists have made a machine that generates electricity from the sweat of fingers and then the phone gets charged with that electricity. Let us explain this technology...

खबर मुताबिक, कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने नई चीज बनाई है. यह चीज उंगली में पहनने एक डिवाइस है. जब हम सोते हैं तो उंगलियों से पसीना निकलता है. यह डिवाइस इस पसीने से बिजली बनाती है. इस बिजली से फोन या घड़ी को चार्ज कर सकते हैं. इस डिवाइस को 10 घंटे पहनने से फोन पूरा दिन चल सकता है.
According to the news, scientists in California have created a new thing. This thing is a device that can be worn on the finger. When we sleep, sweat comes out of the fingers. This device generates electricity from this sweat. Phones or watches can be charged with this electricity. By wearing this device for 10 hours, the phone can run for the whole day.

इस मशीन से अभी फोन चार्ज आसान नहीं है. इसे उंगली पर एक पट्टी की तरह बांधता है. हम सोते हैं तो उंगलियों से थोड़ा पसीना निकलता है. यह मशीन इस पसीने से बिजली बनाती है. लगातार तीन हफ्ते तक पहनना होता है, फोन को चार्ज कर पाते हैं. वैज्ञानिक इस मशीन को और बेहतर की कोशिश हैं, कम समय में इस्तेमाल किया जा सके. ये छोटी सी चीज है जो बैंड-एड की तरह है. इसे उंगली पर चिपकाता है. एक स्पंज जैसी चीज है जो पसीने को सोखती है. ये पसीना बिजली में बदलता है.
Charging a phone with this machine is not easy. It is tied on the finger like a bandage. When we sleep, a little sweat comes out from the fingers. This machine produces electricity from this sweat. It has to be worn continuously for three weeks, then the phone can be charged. Scientists are trying to make this machine even better so that it can be used in less time. This is a small thing which is like a band-aid. It is stuck on the finger. There is a sponge-like thing which absorbs sweat. This sweat turns into electricity.

काम -ये एक पतली और लचीली पट्टी है जिसे उंगली पर लपेटता है, जैसे हम प्लास्टर लगाते हैं. इस पट्टी के अंदर एक स्पंज जैसा पदार्थ है जो पसीने को सोखता है. ये स्पंज इस पसीने को बिजली में बदल देता है. उंगली पसीने से गीली होती है या पट्टी को दबाते हैं तो ये और बिजली बनाती है. इस पट्टी को बनाने में वैज्ञानिकों ने तीन साल की मेहनत की है और जल्द ही बाजार में उपलब्ध कराएगा.
Work - This is a thin and flexible bandage which is wrapped around the finger, just like we apply plaster. Inside this bandage there is a sponge-like substance which absorbs sweat. This sponge converts this sweat into electricity. If the finger gets wet with sweat or if the bandage is pressed then it generates more electricity. Scientists have worked hard for three years to make this bandage and will soon make it available in the market.

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