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मोबाइल रेडिएशन से गर्भवती महिलाओं पर असर; बता दी हकीकत (Effect of mobile radiation on pregnant women; told the truth)

मोबाइल रेडिएशन से गर्भवती महिलाओं पर असर; बता दी हकीकत (Effect of mobile radiation on pregnant women; told the truth)

मोबाइल रेडिएशन से गर्भवती महिलाओं पर असर; बता दी हकीकत (Effect of mobile radiation on pregnant women; told the truth)

सरकार की कमेटी, जिसमें दूरसंचार विभाग और स्वास्थ्य मंत्रालय के रिप्रेजेंटेटिव हैं, उन्होंने सिफारिश की है कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (ईएमएफ) के रेडिएशन को मौजूदा सीमा से दस गुना से अधिक बढ़ाए. यह इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आनाइजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन के 2020 के नॉर्म्स के अनुरूप है. यह सिफारिश देश में नेटवर्क कवरेज को बेहतर बनाने और ज्यादा टावर की जरूरत को कम के प्रयास के तहत है. टेलीकॉम उद्योग की लॉबिंग करने वाली संस्था सीओएआई ने मांग थी, उनका कहना था कि 'आईसीएनआईआरपी (गैर-आयोनाइजिंग विकिरण संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग) का क्राइटीरिया सेफ है.' 
The government committee, which has representatives from the Department of Telecommunications and the Health Ministry, has recommended increasing the electromagnetic field (EMF) radiation emitted from mobile towers by more than ten times the current limit. It conforms to the 2020 norms of the International Commission on Non-Ionizing Radiation Protection. This recommendation is in an effort to improve network coverage in the country and reduce the need for more towers.Telecom industry lobbying body COAI had demanded that 'ICNIRP (International Commission on Non-Ionizing Radiation Protection) criteria are safe.'

रेडिएशन से असर :-पैनल का है कि मोबाइल टावरों से रेडिएशन की सीमा 10 गुना बढ़ाने से, बच्चों, गर्भवती महिलाओं या जानवरों को कोई नुकसान नहीं होगा. मोबाइल नेटवर्क बेहतर होगा और ज्यादा टावर की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. लेकिन, पैनल ये चेतावनी हैं कि शक है. सरकारी समिति ने रिपोर्ट में भले ही मोबाइल टावरों से निकलने रेडिएशन की मात्रा को 10 गुना बढ़ाने की सलाह है, ये माना है कि परेशानी हो सकती है और भरोसा नहीं कर पाएंगे. 
Impact of radiation: The panel believes that increasing the limit of radiation from mobile towers by 10 times will not cause any harm to children, pregnant women or animals. The mobile network will be better and there will be no need for more towers. But, the panel warns that there is doubt. Even though the government committee has suggested in the report to increase the amount of radiation emitted from mobile towers by 10 times, it has accepted that there may be problems and will not be able to trust.

रेडिएशन सेहत के लिए खतरा है. सरकार लोगों की इसी चिंता को कम करना है. वो कम खर्चे में मोबाइल टावरों की जांच करवाना है. पहले से ही कानून है कि टावरों से निकलने वाली रेडिएशन की मात्रा कम चाहिए. ये मात्रा लेवल से 10 गुना कम है. मोबाइल कंपनियों का है कि कम रेडिएशन की वजह से फोन का नेटवर्क ठीक से नहीं चलेगा और टावर लगाने पड़ेंगे.
Radiation is a health hazard. The government has to reduce this concern of the people. That is to get the mobile towers checked at low cost. There is already a law that the amount of radiation emitted from towers should be reduced. This quantity is 10 times less than the level. Mobile companies say that due to low radiation the phone network will not work properly and towers will have to be installed.

हटाए टावर :-डायरेक्टर जनरल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसपी कोचर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि टेलीकॉम टावरों से निकलने वाले रेडिएशन का मसला, वो कम ही क्यों न हो, हमेशा से संवेदनशील रहा है. कई इलाके के लोगों ने और दबाव डालने वाले ग्रुप्स ने अदालतों में टावर के खिलाफ मुकदमे दायर हैं. देश में कई मामले हैं, जहां याचिकाओं या विरोध प्रदर्शनों के कारण कंपनियों को टावर हटाने पड़े हैं.
Remove towers: Director General retired Lieutenant General SP Kochhar told Times of India that the issue of radiation emanating from telecom towers, even if it is low, has always been sensitive. People of many areas and pressure groups have filed cases against the tower in courts. There are many cases in the country where companies have had to remove towers due to petitions or protests.

मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडियो वेव्स के नियमों को बदला नहीं गया तो भारत में 5जी की रफ्तार और क्वालिटी पर असर पड़ेगा. सीओएआई के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एसपी कोचर का है कि नेट की स्पीड धीमी होगी, नेटवर्क खराब होगा और सिग्नल कमजोर रहेंगे. आईसीएनआईआरपी नियम पहले से ही इंग्लैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, मिस्र, युगांडा और सऊदी अरब जैसे देशों में लागू हैं. 
If the rules regarding radio waves emanating from mobile towers are not changed, the speed and quality of 5G in India will be affected. COAI's Lieutenant General (retired) SP Kochhar says that the net speed will be slow, the network will be poor and the signal will be weak. ICNIRP rules are already in force in countries like England, UAE, Australia, Ireland, Egypt, Uganda and Saudi Arabia.

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