कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री में ताकतवर,जानें तनख्वाह (Cabinet Minister, Minister of State are powerful, know their salary)
Jun 24, 2024
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिपरिषद के 71 अन्य मंत्रियों ने भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में शपथ ली. कुछ कैबिनेट मंत्री तो कुछ को राज्यमंत्री बनाया है, लोगों ने कई बार कैबिनेट, राज्य और स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री शब्द होंगे, जानते हैं अंतर, किसके पास है ताकत.
Prime Minister Narendra Modi took oath as Prime Minister for the third time on June 9. Along with the Prime Minister, 71 other ministers of the Council of Ministers also took oath in the program organized at Rashtrapati Bhavan. Some have been made cabinet ministers and some have been made ministers of state, people have often used the words cabinet, state and minister with independent charge, do you know the difference, who has the power.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पीएम की शपथ ली. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली तीसरी एनडीए सरकार (एनडीए) के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71 मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित कर दिए. मोदी सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्यमंत्री हैं.
Prime Minister Narendra Modi took oath as PM for the third time. After the swearing-in of the third Bharatiya Janata Party (BJP)-led NDA government, Prime Minister Narendra Modi on Monday allocated ministries to 71 ministers. There are 30 cabinet ministers, 5 ministers of state (independent charge) and 36 ministers of state in the Modi government.
केंद्रीय मंत्रिपरिषद :-आजादी के बाद भारत ने प्रभावी शासन के लिए मंत्रिपरिषद के साथ संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया. प्रधानमंत्री के पास अपने शासन के तहत मंत्रिपरिषद तय की शक्ति है. संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रावधान है. अनुच्छेद 74(1) कहता है कि राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होगा, जो कार्यों के निष्पादन में राष्ट्रपति की सलाह के अनुसार कार्य करेगा.
Union Council of Ministers:- After independence, India adopted the parliamentary system of governance with the Council of Ministers for effective governance. The Prime Minister has the power to decide the Council of Ministers under his rule. There is a provision for the Union Council of Ministers in Articles 74 and 75 of the Constitution. Article 74(1) says that there shall be a Council of Ministers headed by the Prime Minister to aid and advise the President, who shall act in accordance with the advice of the President in the execution of its functions.
मंत्रियों की नियुक्ति :-प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर है. आमतौर पर मंत्री के लिए किसी व्यक्ति को संसद के सदन का सदस्य चाहिए. हालांकि, संविधान में संसद के बाहर से किसी व्यक्ति को मंत्री नियुक्त पर कोई रोक नहीं है. लेकिन छह महीने से अधिक समय तक मंत्री नहीं रहता, जब संसद के किसी सदन का सदस्य न बन जाए.
Appointment of Ministers:-The Prime Minister is appointed by the President and other ministers are appointed by the President on the advice of the Prime Minister. Generally, for a minister, a person should be a member of the House of Parliament. However, there is no restriction in the Constitution on appointing any person from outside the Parliament as a minister. But a minister does not remain a minister for more than six months unless he becomes a member of either House of Parliament.
मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री और उप मंत्री हैं. हाल के समय में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में उप मंत्री बनाने के उदाहरण नहीं हैं.
The Council of Ministers consists of Cabinet Ministers, Ministers of State (Independent Charge), Ministers of State and Deputy Ministers. There are no examples of making Deputy Ministers in the Union Council of Ministers in recent times.
सरकार में तीन तरह के मंत्रियों :-मंत्रिमंडल में तीन प्रकार के मंत्री हैं- कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री -स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री. सवाल है कि इन मंत्री पदों में क्या अंतर है और भूमिकाएं किस तरह की हैं. इन मंत्री पदों से जुड़ी अलग-अलग जिम्मदारियां और अधिकार तय हैं. सभी मंत्रियों के पद, ताकत, कार्य को समझते हैं.
Three types of ministers in the government: - There are three types of ministers in the cabinet - Cabinet Minister, Minister of State - Independent Charge and Minister of State. The question is what is the difference between these ministerial posts and what are the roles. Different responsibilities and rights associated with these ministerial posts are fixed. Understand the position, power and work of all the ministers.
कैबिनेट मंत्री :-कैबिनेट मंत्री मंत्रिपरिषद का सदस्य हैं जो मंत्रालय का नेतृत्व करते हैं. मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री सबसे वरिष्ठ हैं जिन पास अधिक ज्ञान और अनुभव है. इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा विशेषज्ञता और वरिष्ठता के आधार है. केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री के बाद मंत्रियों में ताकतवर कैबिनेट मंत्री हैं जो कि सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट हैं. कैबिनेट मंत्रियों को एक से अधिक मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं और समूची जिम्मेदारी है. इन मंत्रियों का मंत्रिमंडल की बैठकों, जिनमें सरकार अहम है इसमें अनिवार्य है.अनुभवी सांसदों को कैबिनेट मंत्री पद हैं.
Cabinet Minister:-Cabinet Minister is a member of the Council of Ministers who heads the ministry. Cabinet ministers are the most senior in the Council of Ministers and have more knowledge and experience. Their appointment is made by the President on the recommendation of the Prime Minister on the basis of expertise and seniority. After the Prime Minister in the Central Government, there are powerful cabinet ministers who are direct reports to the Prime Minister. Cabinet ministers can be assigned more than one ministry and have overall responsibility.These ministers are mandatory in the cabinet meetings in which the government is important. Experienced MPs have the post of cabinet ministers.
कैबिनेट मंत्री काम :-कैबिनेट मंत्री केन्द्र सरकार के अंतर्गत अहम मंत्रालय जैसे गृह, वित्त, रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क परिवहन और राजमार्ग और विदेश मंत्रालयों को संभालते हैं. नई नीतियों का निर्णय और विकास करना, कार्यान्वयन का समन्वय और पर्यवेक्षण करना है.
Cabinet Minister Work:-Cabinet Ministers handle important ministries under the Central Government like Home, Finance, Defence, Health, Education, Road Transport and Highways and External Affairs. Deciding and developing new policies, coordinating and supervising implementation.
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) काम :-आसान भाषा में कहा तो इन्हें जूनियर मंत्री कहा है. राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सीधे पीएम को रिपोर्ट हैं. इन्हें जो मंत्रालय दिया है, उसकी जिम्मेदारी पास है. ये कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हैं और ना ही कैबिनेट मंत्री के प्रति जवाबदेही है.
Minister of State (Independent Charge) Work: - In simple language, he is called Junior Minister. The Minister of State (Independent Charge) reports directly to the PM. The responsibility of the ministry given to him is with him. They are not involved in cabinet meetings nor are they accountable to cabinet ministers.
राज्यमंत्री और काम :-कैबिनेट मंत्री के सहयोग के लिए राज्यमंत्री बनाते हैं. ये कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं. कैबिनेट मंत्री के नीचे एक या दो राज्यमंत्री हैं. राज्य मंत्रियों को मंत्रालय के भीतर विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपती हैं और कार्यभार संभालने में कैबिनेट मंत्री की सहायता हैं. मंत्रालय के भीतर विशेष क्षेत्रों या परियोजनाओं की देखरेख है. उन निर्णय की सीमित शक्ति है और मंत्रालय के भीतर विशिष्ट कार्यों या क्षेत्रों ध्यान केंद्रित हैं.
Minister of State and work:- Minister of State is made to assist the Cabinet Minister. They report to the cabinet minister. There are one or two ministers of state below the cabinet minister. Ministers of State are assigned specific responsibilities within the ministry and assist the Cabinet Minister in assuming charge. There are specific areas or projects within the ministry that are overseen. They have limited decision power and are focused on specific tasks or areas within the ministry.
सैलरी :-वेतन कैबिनेट मंत्री को हर महीने एक लाख रुपए मूल वेतन में हैं. साथ सांसदों की तरह निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70000 रुपए है. कार्यालय के लिए भी हर महीने 60,000 रुपए मिलते हैं. राज्य मंत्रियों को ये सब है. सत्कार भत्ता में 1,000 रुपए प्रतिदिन हैं. अगर डिप्टी मंत्री बनाता है तो सत्कार भत्ता में 600 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया है.
Salary: The Cabinet Minister gets a basic salary of Rs 1 lakh every month. Also, like MPs, the constituency allowance is Rs 70,000. Rs 60,000 is also available every month for office. Ministers of State have all this. The bus hospitality allowance is Rs 1,000 per day. If he is made a deputy minister then he is given Rs 600 per day as hospitality allowance.
सुविधाएं :-मंत्रियों को संसद सदस्यों की तरह ही यात्रा भत्ता/यात्रा सुविधाएं, ट्रेन यात्रा की सुविधाएं, स्टीमर पास, टेलीफोन की सुविधाएं और वाहन खरीदने के अग्रिम राशि है.
Facilities: - Ministers have traveling allowance/travel facilities, train travel facilities, steamer passes, telephone facilities and advance amount for purchasing vehicles, just like the Members of Parliament.
पूर्व मंत्रियों को पेंशन :-मंत्रियों को भी किसी पूर्व सांसद की तरह ही मासिक पेंशन है. हर बार पांच साल पूरे होने पर 1500 रुपये की अतिरिक्त वृद्धि पेंशन में की है. मृत्यु होने में पति या पत्नी को ताउम्र आधी पेंशन दी है. मृत्यु के बाद आश्रित को पेंशन की 50 प्रतिशत राशि मिलती है.
Pension to former ministers:- Ministers also have monthly pension like any former MP. There is an additional increase of Rs 1500 in pension every time after completion of five years. In case of death, half the life pension is given to the spouse. After death, the dependent gets 50 percent of the pension amount.
ट्रेन में छूट :-मंत्रियों को सांसदों की ही तरह ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास में चाहे जितनी यात्राओं की छूट है. हालांकि, साथ में सहायक या पत्नी हो तो सेकंड एसी में यात्रा की छूट है. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को पेंशन और फ्री रेल यात्रा के अलावा चिकित्सा की सुविधाएं निशुल्क हैं. कैबिनेट मंत्री की ही तरह ये सारी सुविधाएं राज्यमंत्री और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार को भी हैं.
Concession in train:- Like MPs, ministers have the freedom to travel as many times as they wish in AC first class of the train. However, if there is an assistant or wife accompanying them, there is exemption to travel in second AC. Apart from pension and free rail travel, medical facilities are free to former Union Ministers. Like the Cabinet Minister, all these facilities are also available to the Minister of State and the Minister of State with Independent Charge.
जानें वेतन :-साल 2018 तक तो संसद के सदस्य खुद ही वेतन में संसोधन के कानून थे. इसको लेकर विवाद था. इस देखते हुए फाइनेंस एक्ट-2018 के जरिए कानून में बदलाव किया. इस एक्ट के अनुसार सांसदों के वेतन, दैनिक भत्ते और पेंशन में हर पांच साल में वृद्धि का प्रावधान है. इनकम टैक्स एक्ट-1961 में बताया गया लागत मुद्रास्फीति सूचकांक आधार बनाया है.
Know the salary: - Till the year 2018, there were laws to amend the salary of the members of Parliament themselves. There was controversy regarding this. In view of this, changes were made in the law through Finance Act-2018. According to this Act, there is a provision for increase in the salary, daily allowance and pension of MPs every five years. The cost inflation index mentioned in the Income Tax Act-1961 has been made the basis.
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