सर्दी-जुकाम ठीक लेकिन खांसी है, ऐसा है उपाय (Cold is fine but cough is there, this is the solution)
Mar 9, 2024
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सर्दी-जुकाम तो ठीक हो गया, लेकिन जिद्दी खांसी जाने का नाम ही नहीं ले रही. ऐसा अनुभव शायद किया होगा. हालांकि, इससे परेशान की जरूरत नहीं है, यह आम बात है. कनाडाई मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित अनुसार, 11% से 25% वयस्क सर्दी-जुकाम के बाद खांसी की समस्या से जूझते हैं. यह खांसी 3 से 8 हफ्तों तक रह सकती है.
The cold and cough have been cured, but the stubborn cough is not going away. Might have had such an experience. However, there is no need to worry about this, it is a common thing. According to a study published in the Canadian Medical Association Journal, 11% to 25% of adults suffer from cough after a cold. This cough can last for 3 to 8 weeks.
पोस्ट-इंफेक्शन खांसी (जिसे पोस्ट-वायरल खांसी भी कहते हैं) वायरल संक्रमण के बाद होती है. एमडी - एक ओटोलरींगोलॉजिस्ट ओमिद मेहदीजादेह बताते हैं कि यह खांसी नाक, गले, वॉयस बॉक्स और फेफड़ों सहित रेस्पीरेट्री सिस्टम में सूजन बढ़ने के कारण है. यह सूजन सांस की नलियों की सेंसिटिविटी बढ़ाती है और बलगम की प्रक्रिया को बढ़ाती है, साथ ही बलगम को बाहर निकालने की क्षमता कम कर सकती है.
Post-infection cough (also called post-viral cough) occurs after a viral infection. Omid Mehdizadeh, MD, an otolaryngologist, explains that this cough is due to increased inflammation in the respiratory system, including the nose, throat, voice box and lungs. This inflammation increases the sensitivity of the respiratory tubes and increases the process of mucus formation, and can also reduce the ability to expel mucus.
पोस्ट-इंफेक्शन खांसी :-डॉ. स्ट्राचन का कहना है कि कोविड-19 महामारी का एक बचा हुआ प्रभाव लंबे समय तक चलने वाली खांसी को लेकर बना कलंक है. हालांकि, कहा कि पोस्ट-इंफेक्शन खांसी परेशानी का विषय जरूर होती है, लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं देती.
Post-infection cough:-Dr. Strachan says one residual effect of the COVID-19 pandemic is the stigma surrounding chronic cough. However, it is said that post-infection cough is a matter of concern, but it does not indicate any serious disease.
इस खांसी के लिए ओवर-द-काउंटर कफ सिरप, नाक की सूजन कम वाले स्प्रे, ह्यूमिडिफायर और लोजेजेस कारगर हैं. एंटीबायोटिक्स या स्टेरॉयड के इस्तेमाल का इस स्थिति में फायदा नहीं है. ज्यादातर में बिना दवा के भी समय के साथ खांसी ठीक होती है. दवाओं के इस्तेमाल से पर्यावरण को हानि पहुंचती है.
Over-the-counter cough syrups, nasal de-inflammation sprays, humidifiers and lozenges are effective for this cough. There is no benefit in using antibiotics or steroids in this situation. In most cases, cough gets better with time even without medicine. Use of medicines causes harm to the environment.
पोस्ट-इंफेक्शन खांसी आमतौर पर एक सूखी खांसी है. वहीं, सांस में तकलीफ या सीने में दर्द के साथ होने वाली खांसी की जांच जरूरी है. बलगम में खून आना, निगलने में परेशानी, दर्द, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और सांस लेने में घरघराहट जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं चाहिए. ऐसे में सीने का एक्स-रे जरूरी है. अगर खांसी 8 हफ्तों से ज्यादा समय तक है या अन्य गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
Post-infection cough is usually a dry cough. At the same time, it is important to investigate cough that occurs with shortness of breath or chest pain. Symptoms like bleeding in sputum, difficulty in swallowing, pain, fever, difficulty in breathing and wheezing while breathing should not be ignored. In such a situation, chest X-ray is necessary. If cough lasts for more than 8 weeks or other serious symptoms appear, then definitely contact doctor.
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