भारत में 100 बेरोजगारों में 83 युवा, बेरोजगारी दर बढ़कर 65.7% हुई; इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 जारी (83 out of 100 unemployed youth in India, unemployment rate increased to 65.7%; India Employment Report 2024 released)
Mar 30, 2024
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इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) ने इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) के साथ मिलकर ‘इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ जारी है। इस हिसाब से अगर भारत में 100 लोग बेरोजगार हैं, तो उसमें 83 लोग युवा हैं। इसमें ज्यादा युवा शिक्षित हैं।
International Labor Organization (ILO) in collaboration with the Institute of Human Development (IHD) is releasing ‘India Employment Report 2024’. According to this, if 100 people are unemployed in India, then 83 of them are youth. Most of the youth are educated in this.
बेरोजगारों की संख्या डबल:-आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल बेरोजगार युवाओं में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या 2000 के मुकाबले दोगुनी हुई है। 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2% थी। 2022 में ये बढ़कर 65.7% है। उन पढ़े-लिखे युवाओं को शामिल है, जिन्होंने कम से कम 10वीं तक की पढ़ाई पूरी है।
The number of unemployed has doubled: According to the ILO report, the number of educated unemployed among the total unemployed youth of the country has doubled as compared to 2000. In 2000 the number of educated youth unemployed was 35.2% of the total youth unemployed. This will increase to 65.7% in 2022. Those educated youth are included, who have completed at least up to 10th standard.
वेतन बढ़ा या घटा :-आईएलओ की रिपोर्ट में वेतन में कुछ बताया है. रिपोर्ट अनुसार देश में लोगों का वेतन ज्यादातर एक जैसा रहा है, या ये घटा है। नियमित श्रमिकों और स्वरोजगार वाले व्यक्तियों के वेतन में साल 2019 के बाद नकारात्मक प्रवृत्ति है। इतना ही नहीं बिना स्किल वाले श्रमिकों को साल 2022 में न्यूनतम वेतन तक नहीं है।
Salary increased or decreased:- Something has been mentioned about the salary in the ILO report. According to the report, the salary of people in the country has mostly remained the same, or it has decreased. There is a negative trend in the wages of regular workers and self-employed persons after the year 2019. Not only this, workers without skills will not even get minimum wage in the year 2022.
टेक्नोलॉजी से नौकरी खतरा :-टेक्नोलॉजी से जुड़े बदलावों ने कौशल और रोजगार के प्रकारों की मांग को प्रभावित है। रिपोर्ट अनुसार हाई और मीडियम स्किल वाली नौकरियों में युवाओं का प्रेजेंटेशन है। हालांकि, इन क्षेत्रों में नौकरी की इनसिक्योरिटी परेशानी का सबब बनी है।
Job Threat from Technology:- Changes related to technology have affected the demand for skills and types of employment. According to the report, there is an underrepresentation of youth in high and medium skill jobs. However, job insecurity has become a problem in these areas.
स्किल्स कमी :-रिपोर्ट में भारत के युवाओं में बुनियादी डिजिटल लिटरेसी की कमी बताया है। रोजगार की क्षमता में रुकावट है। 90% भारतीय युवा स्प्रेडशीट में मैथ्स के फॉर्मूला में असमर्थ हैं। 60% युवा फाइलें कॉपी और पेस्ट नहीं कर सकते हैं। वहीं 75% युवा अटैचमेंट के साथ ईमेल भेजने में असमर्थ हैं।
Skills shortage:-The report points out the lack of basic digital literacy among the youth of India. There is a hindrance in employment potential. 90% of Indian youth are unable to use maths formulas in spreadsheets. 60% of youth cannot copy and paste files. Whereas 75% youth are unable to send emails with attachments.
रिपोर्ट महिला श्रम बल भागीदारी की कम दर के साथ लेबर मार्केट में बढ़ते जेंडर गैप में बात है। रिपोर्ट मुताबिक युवा महिलाओं, खासतौर पर हायर सेकेंडरी पास महिलाओं को रोजगार हासिल में चुनौतियों का सामना करता है।
The report points to a growing gender gap in the labor market with low rates of female labor force participation. According to the report, young women, especially higher secondary pass women, face challenges in getting employment.
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