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कार टायर में नॉर्मल एयर भरवाएं या नाइट्रोजन? जानें फायदे और नुकसान (Should normal air or nitrogen be filled in car tyre? Know the advantages and disadvantages)

कार टायर में नॉर्मल एयर भरवाएं या नाइट्रोजन? जानें फायदे और नुकसान (Should normal air or nitrogen be filled in car tyre? Know the advantages and disadvantages)

कार टायर में नॉर्मल एयर भरवाएं या नाइट्रोजन? जानें फायदे और नुकसान (Should normal air or nitrogen be filled in car tyre? Know the advantages and disadvantages)

कार के टायरों में नॉर्मल एयर और नाइट्रोजन, दोनों का इस्तेमाल होता है. ज्यादातर लोग टायरों में नॉर्मल एयर भरवाते हैं लेकिन कुछ नाइट्रोजन भरवाते हैं. दोनों के फायदे और नुकसान हैं. लेकिन, इनके बारे में जानते हैं? चलिए, नॉर्मल एयर और नाइट्रोजन में बताते हैं.
Both normal air and nitrogen are used in car tyres. Most of the people fill the tires with normal air but some fill with nitrogen. Both have advantages and disadvantages. But, do you know about them? Let us explain in normal air and nitrogen.

नॉर्मल एयर :-नॉर्मल एयर यानी बिलकुल वैसी हवा जो वातावरण में मौजूद है, जिसमें हम सब सांस लेते हैं. इसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, मॉइस्चर सहित कुछ अन्य गैसें होती हैं. नॉर्मल एयर में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन और 1% अन्य गैसें हैं. 
Normal Air:- Normal air means exactly the air which is present in the atmosphere, in which we all breathe. It contains nitrogen, oxygen, moisture and some other gases. Normal air contains 78% nitrogen, 21% oxygen and 1% other gases.

नॉर्मल एयर आसानी से उपलब्ध है और भरवाने में सस्ती है. नॉर्मल एयर के साथ टायरों में दबाव समय के साथ कम की संभावना ज्यादा है. नियमित रूप से टायरों के दबाव की चेक कराते रहना होता है. 
Normal air is easily available and cheap to fill. With normal air the tire pressure is more likely to drop over time. Tire pressure has to be checked regularly.

नॉर्मल हवा वाले टायरों में गर्मी और घर्षण अधिक है, जिससे टायरों की लाइफ कम है. टायर फटने का खतरा ज्यादा (नाइट्रोजन वाले टायरों के मुकाबले) रहता है. यह आसानी से उपलब्ध है और सस्ती है.
There is more heat and friction in tires with normal air, due to which the life of the tires is less. The risk of tire burst is higher (compared to nitrogen tyres). It is easily available and affordable.

नाइट्रोजन :-नाइट्रोजन में नमी नहीं है. इसलिए, नाइट्रोजन वाले टायरों में गर्मी कम रहती है. यह गर्मी और घर्षण ज्यादा पर टायरों को ठंडा रखती है, जिससे टायर फटने का खतरा कम होता है. इससे टायरों की लाइफ बढ़ती है. लेकिन, यह आसानी से उपलब्ध नहीं होती और महंगी होती है.
Nitrogen:-There is no moisture in nitrogen. Therefore, nitrogen tires retain less heat. This keeps the tires cool in case of high heat and friction, thereby reducing the risk of tire burst. This increases the life of tyres. But, it is not easily available and is expensive.

नाइट्रोजन के मॉलिक्यूल ऑक्सीजन की तुलना में बड़े होते हैं, जिससे लंबे समय तक टायर में रहती है. यह टायरों में प्रेशर कम होने के रेट को भी धीमी करती है, जिससे बार-बार टॉप-अप की जरूरीत कम होती है. 
Nitrogen molecules are larger than oxygen, which makes them last longer in the tyre. It also slows down the rate of tire pressure loss, thereby reducing the need for frequent top-ups.

नॉर्मल एयर की तुलना में नाइट्रोजन के कई फायदे हैं. लेकिन, नॉर्मल एयर नाइट्रोजन भरवाने से पहले टायरों की जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए. अगर टायरों में गर्मी की समस्या है या आप अधिक माइलेज चाहते हैं, तो नाइट्रोजन भरवाते हैं. बाकी, नॉर्मल एयर से काम चलता रहेगा.
Nitrogen has many advantages compared to normal air. But, before filling with normal air nitrogen, the needs of the tires should be kept in mind. If there is a problem of heat in the tires or you want more mileage, then fill them with nitrogen. Rest, work will continue with normal air.

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