सैलरी के हिसाब से कौनसी कार बेस्ट? ये फॉर्मूला, तुरंत जानें (Which car is best according to salary? Learn this formula immediately)
Oct 26, 2023
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कार खरीदना महंगा होता है. भारत में सस्ती से सस्ती कार (नई) भी 5 लाख रुपये के करीब में है. इस ऊपर, बाजार में करोड़ों रुपयों तक की कारें उपलब्ध है. ऐसे में कार खरीदने का सही बजट बनाना जरूरी है. सुझाव है कि किसी को कार खरीदने के लिए सालाना सैलरी का 50% से ज्यादा का बजट नहीं बनाए. उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति की सालाना आय 10 लाख रुपये है, तो वह 5 लाख रुपये तक की कार खरीद सकता है और अगर किसी की सालाना आय 10 करोड़ रुपये है तो वह 5 करोड़ रुपये तक की कार खरीद सकता है. हालांकि, ध्यान रखना है कि बजट कार की ऑन-रोड कीमत के लिए होए.
Buying a car is expensive. Even the cheapest car (new) in India is around Rs 5 lakh. On top of this, cars worth crores of rupees are available in the market. In such a situation, it is important to make the right budget for buying a car. It is suggested that one should not budget more than 50% of the annual salary for buying a car. For example, if a person's annual income is Rs 10 lakh, then he can buy a car up to Rs 5 lakh and if someone's annual income is Rs 10 crore, then he can buy a car up to Rs 5 crore. However, keep in mind that the budget should be for the on-road price of the car.
बजट से ज्यादा क्या नहीं? :--- अगर सालाना आय का 50% से ज्यादा कार खरीदने में खर्च करते हैं तो अन्य खर्चों के लिए पैसा कम बचेगा, जिससे आर्थिक संकट में फंस सकते हैं. आपको अन्य वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. उदाहरण - समझिए कि अगर सालाना आय 10 लाख रुपये है और 5 लाख रुपये कार के लिए खर्च कर देते हैं तो आपके पास अन्य सभी खर्चों के लिए केवल 5 लाख रुपये ही बचेंगे.
What's not over budget? :--- If you spend more than 50% of the annual income in buying a car, then there will be less money left for other expenses, due to which you may get stuck in financial crisis. You may face difficulty in fulfilling other financial responsibilities. Example - Understand that if the annual income is Rs 10 lakh and you spend Rs 5 lakh on a car, then you will be left with only Rs 5 lakh for all other expenses.
-- वहीं, अगर सालाना आय के 50% से ज्यादा की कार खरीदते हैं और अन्य खर्चों के साथ भी समझौता नहीं करते तो लोन लेना पड़ सकता है. लोन लेने पर हर महीने उसकी किस्त चुकानी होगी, जिसे ईएमआई करते हैं. आप ऐसे चीज के लोन में दब जाएंगे, जिसकी कीमत गुजरते समय के साथ घट रही होगी क्योंकि कार एक डिप्रेशिएटिंग एसेट है. ऊपर से इसके लोन पर ब्याज देंगे.
At the same time, if you buy a car for more than 50% of the annual income and do not compromise with other expenses, then you may have to take a loan. On taking a loan, you will have to pay its installment every month, which is called EMI. You will be stuck with a loan on something whose value will be depreciating with the passage of time because the car is a depreciating asset. On top of that, interest will be paid on its loan.
क्या करें :-सालाना आय के 50% तक की रेंज में जो कारें बाजार में उपलब्ध हैं, उनकी लिस्ट बनाएं और फिर जरूरतों के हिसाब से कार फाइनल करें.
What to do: - Make a list of the cars available in the market in the range of up to 50% of the annual income and then finalize the car as per the needs.
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