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गंभीर हैं कार के टायर घिसने से जुड़ी बातें, कार मालिक को पता (Things related to car tire wear are serious, the car owner knows this)

गंभीर हैं कार के टायर घिसने से जुड़ी बातें, कार मालिक को पता (Things related to car tire wear are serious, the car owner knows this)

गंभीर हैं कार के टायर घिसने से जुड़ी बातें, कार मालिक को पता (Things related to car tire wear are serious, the car owner knows this)

कार के टायर को समय-समय पर चेक महत्वपूर्ण है. इससे कई तरह की जानकारी मिलती है, जैसे कि टायर प्रेशर, टायर की स्थिति या टायर कितना घिसा है. टायर का घिसाव कई कारकों से प्रभावित है, जैसे कि ड्राइविंग शैली, सड़क की स्थिति, टायर का रखरखाव, व्हील एलाइनमेंट, सस्पेंशन या शॉकर्स और एयर प्रेशर आदि. चलिए, एक-एक करके टायर घिसने की अलग-अलग सिचुएशन्स में समझते हैं.
It is important to check car tires from time to time. This provides many types of information, such as tire pressure, condition of the tire or how much the tire is worn. Tire wear is affected by many factors, such as driving style, road conditions, tire maintenance, wheel alignment, suspension or shockers and air pressure. Let us understand the different situations of tire wear one by one.

कार का टायर बाहर की तरफ (किनारे पर) से या फिर अंदर की तरफ (किनारे पर) से ज्यादा घिस रहा है, तो समझ जाइए कि टायर एलाइनमेंट में समस्या है. इस स्थिति में टायर किनारों की तरफ से ज्यादा घिसते हैं. ऐसे में टायर एलाइनमेंट सही कराए.
If the tire of the car is rubbing more on the outside (on the edge) or on the inside (on the edge), then understand that there is a problem in the tire alignment. In this situation the tires wear more from the edges. In such a situation, get the tire alignment corrected.

कभी-कभी टायर के घिसाव में विशिष्ट पैटर्न देखा जाता है, जिसमें टायर के कुछ हिस्से अधिक घिसे हुए हैं, जबकि अन्य हिस्से कम घिसे हुए होते हैं. यह शॉकर्स के खराब होने का संकेत है. जब शॉकर्स खराब होते हैं, तो वह झटकों को सही से अवशोषित नहीं करते हैं.
Sometimes a specific pattern is seen in tire wear, in which some parts of the tire are more worn, while other parts are less worn. This is a sign of damage to the shockers. When shockers wear out, they do not absorb shocks properly.

सड़क के गढ्ढे टायरों को ज्यादा प्रभावित करते हैं. टायरों के कुछ हिस्सों पर अधिक घर्षण है, जिससे वह असमान रूप से घिसते हैं.
Potholes in the road affect the tires a lot. There is more friction on some parts of the tires, causing them to wear unevenly.

टायर के घिसाव की एक और स्थिति होती है, जिसमें टायर बीच से ज्यादा घिसता है. यदि कार का टायर बीच से ज्यादा घिस रहा है, तो मतलब है कि आप टायर में सही एयर प्रेशर नहीं रखते हैं और कम एयर प्रेशर के साथ कार चलाते हैं. टायर में कम एयर प्रेशर पर टायर के बीच का हिस्सा अधिक घिसता है.
There is another condition of tire wear, in which the tire wears more from the middle. If the tire of the car is wearing more than the middle, it means that you do not maintain the correct air pressure in the tire and drive the car with low air pressure. With less air pressure in the tyre, the middle part of the tire wears more.

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