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हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई की जगह लेगा; लॉ- मेडिकल कॉलेज पर मान्य नहीं (Higher Education Commission of India (HECI) will replace UGC, AICTE and NCTE; Not valid at Law-Medical College)

हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई की जगह लेगा; लॉ- मेडिकल कॉलेज पर मान्य नहीं (Higher Education Commission of India (HECI) will replace UGC, AICTE and NCTE; Not valid at Law-Medical College)

हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई की जगह लेगा; लॉ- मेडिकल कॉलेज पर मान्य नहीं (Higher Education Commission of India (HECI) will replace UGC, AICTE and NCTE; Not valid at Law-Medical College)

देश में यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई की जगह हायर एजुकेशन के लिए एक रेगुलेटिंग बॉडी होगी। हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) कहा जाएगा। बिल जल्द पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा। ये जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने बुधवार (11 अक्टूबर) को दी।
There will be a regulating body for higher education in the country in place of UGC, AICTE and NCTE. Will be called Higher Education Commission of India (HECI). The bill will be presented in Parliament soon. This information was given by Union Education Minister Pradhan on Wednesday (October 11).

ये बिल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी), ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की जगह लेगा और सिंगल रेगुलेटिंग बोर्ड की तरह काम करेगा। लॉ और मेडिकल कॉलेजों पर लागू नहीं होगा।
This bill will replace the University Grants Commission (UGC), All India Council for Technical Education (AICTE) and National Council for Teacher Education (NCTE) and will act as a single regulating board. Will not apply to law and medical colleges.

एचईसीआई भूमिका :-प्रधान ने को बताया कि एचईसीआई रेगुलेशन, एक्रेडिटेशन और प्रोफेशनल स्टैंडर्ड का काम करेगा। वहीं, चौथा वर्टिकल यानी फंडिंग शामिल नहीं होगा। उसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक मंत्रालय के पास रहेगी।
HECI role: Pradhan told that HECI will work for regulation, accreditation and professional standards. At the same time, the fourth vertical i.e. funding will not be included. Its responsibility will remain with the administrative ministry.

ड्राफ्ट :- शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस बिल का ड्राफ्ट 2018 में तैयार था। इसे पब्लिक डोमेन में रिलीज़ था, जिससे कि हायर एजुकेशन स्‍टेक होल्‍डर्स इस इनपुट दे सकें। 2021 में इसे पेश का इनिशिएटिव लिया। बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया है।
Draft:- Education Minister said that the draft of this bill was ready in 2018. It was released in the public domain so that higher education stakeholders could provide input. Initiative was taken to introduce it in 2021. The bill has been introduced in the winter session of Parliament.

अब तक काम :- यूजीसी : देश में यूनिवर्सिटीज को मान्यता देता है और इन्हें जरूरी फंड रिलीज करता है। ये हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री के तहत यूनिवर्सिटीज की शिक्षा के मानकों को तय और मेंटेन का काम करता है। हेडक्वार्टर दिल्ली में है।
Work till now:- UGC: Recognizes universities in the country and releases necessary funds to them. It works to set and maintain the standards of education of universities under the Higher Education Ministry. The headquarters is in Delhi.

एआईसीटीई : देश में टेक्निकल एजुकेशन का नेशनल काउंसिल है। इस मुख्य काम डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्‍ट ग्रेजुएशन की शिक्षा देने वाले स्कूलों और कॉलेजों और टेक्‍निकल एजुकेशन जैसे इंजीनियर एंड टेक्‍नोलॉजी के पाठ्यक्रम को मान्यता है।
AICTE: There is a National Council of Technical Education in the country. Its main function is to accredit schools and colleges offering diploma, graduation and post graduation education and technical education courses like engineering and technology.

एनसीटीई : टीचर्स को ट्रेनिंग देने का काम करता है। इस तहत हायर एजुकेशन के मानकों को तैयार है।
NCTE: Works to provide training to teachers. Under this, the standards of higher education are ready.

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी :-भारत सरकार 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) ले आई थी। सरकार का दावा था कि क्लास 6 से ही वोकेशनल स्टडीज मिलने से सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट के लॉन्ग टर्म के लिए बढ़ेंगे। छठी से बच्चों को इंटर्नशिप कराएगी, जिससे प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके। एनईपी के तहत भारत में रिसर्चर्स को बढ़ाएगा, जिससे एम्प्लॉयबिलिटी की समस्या को हल में मदद मिल सके।
National Education Policy:-The Government of India had brought the National Education Policy (NEP) in 2020. The government claimed that providing vocational studies from Class 6 itself would increase long-term self-employment. Internship will be provided to the children from class 6 onwards, so that they can get practical knowledge. Under NEP, researchers will be increased in India, which can help in solving the problem of employability.

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