पेट्रोल /डीजल कार ? फैसला से पहले जरूर जान लें (Petrol/Diesel car? Be sure to know before deciding)
Sep 12, 2023
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पेट्रोल और डीजल, दोनों कारों की अपनी-अपनी खूबियां और कमियां हैं. इसलिए, यह तय कि कौन सी कार बेहतर है, मुश्किल हो सकता है. लेकिन, पेट्रोल और डीजल कारों से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं, जो पता हो. इसमें बातें हैं, जो कार चुनने (पेट्रोल लें या डीजल) के फैसले में मदद कर सकती है.
Both petrol and diesel cars have their own merits and demerits. Therefore, deciding which car is better can be difficult. But, there are some things related to petrol and diesel cars that should be known. There are things in it, which can help in the decision of choosing a car (petrol or diesel).
1. कीमत और रखरखाव :- आमतौर पर पेट्रोल इंजन कम महंगे हैं. इनका रखरखाव आसान है. जबकि पेट्रोल इंजन के मुकाबले डीजल इंजन ज्यादा महंगे होते हैं. इसके रखरखाव पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देता है. डीजल इंजन की कारें पेट्रोल इंजन वाली कारों की तुलना में महंगी है.
Price and Maintenance:- Generally petrol engines are less expensive. Their maintenance is easy. Whereas diesel engines are more expensive than petrol engines. Pays a little more attention to its maintenance. Diesel engine cars are more expensive than petrol engine cars.
2. रजिस्ट्रेशन वैलिडिटी :- कई जगहों पर डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन की अवधि को 10 साल कर दिया है जबकि पेट्रोल कारें 15 साल तक मान्य हैं. जैसे कि दिल्ली-एनसीआर में है. यानी, पहले महंगी डीजल कार खरीदेंगे और फिर उसे पेट्रोल कारों के मुकाबले 5 साल कम अवधि के लिए रखएंगे.
Registration Validity:- In many places, the registration period of diesel cars has been increased to 10 years while petrol cars are valid for 15 years. Like it is in Delhi-NCR. That is, first buy an expensive diesel car and then keep it for a period of 5 years less than petrol cars.
3. भविष्य :-डीजल कारों के भविष्य को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हैं. कई कार निर्माता कंपनियां डीजल कारें बनानी बंद कर चुकी हैं. देश की बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी कोई डीजल कार नहीं बेचती है. सरकार डीजल वाहनों को लेकर नई नीति की ओर रुख करती है.
Future: The situation is not clear yet regarding the future of diesel cars. Many car manufacturing companies have stopped making diesel cars. The country's largest car manufacturer Maruti Suzuki does not sell any diesel car. The government moves towards a new policy regarding diesel vehicles.
4. टॉर्क और पावर :- डीजल इंजन कम स्पीड पर ज्यादा टॉर्क देते हैं और ज्यादा भार खींच पाते हैं. यानी, इनमें ज्यादा पुलिंग पावर है. शुरुआत में यह ज्यादा तगड़ा एक्सेलेरेशन देते हैं. हालांकि, पेट्रोल इंजन तेज स्पीड पर ज्यादा पावर देते हैं और शुरुआत में कम रेस्पॉन्सिव (डीजल की तुलना में) होते हैं.
Torque and Power:- Diesel engines give more torque at low speed and are able to pull more load. That is, they have more pulling power. It gives stronger acceleration in the beginning. However, petrol engines produce more power at higher speeds and are less responsive initially (compared to diesel).
5. माइलज :- पेट्रोल इंजन की तुलना में डीजल इंजन ज्यादा माइलेज हैं. यानी, कम फ्यूल में ज्यादा चलते हैं. तो रनिंग ज्यादा है, उसमें डीजल इंजन वाली कार फायदेमंद है. लेकिन, कम रनिंग वालों के लिए पेट्रोल इंजन वाली कारें बेहतर है.
Mileage:- Diesel engines have higher mileage than petrol engines. That means, you can travel more with less fuel. So running is more, in that a car with diesel engine is beneficial. But, for low running cars, petrol engine cars are better.
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