मेडिकल एजुकेशन में नहीं होंगे बदलाव, नए दिशा-निर्देश जारी (There will be no change in medical education, new guidelines issued)
Jun 27, 2023
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नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से जारी ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन 2023 गाइडलाइंस वापस ले ली हैं। एनएमसी ने इसमें जारी नोटिस में है कि, ’12 जून 2023 को जारी ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन गाइडलाइंस वापस ली है। एनएमसी ने गाइडलाइंस के तहत मेडिकल एजुकेशन में कई बदलावों की सिफारिश थी, जिन्हें सेशन से लागू किया था।’
The Graduate Medical Education Regulation 2023 Guidelines issued by the National Medical Commission have been withdrawn. NMC has issued a notice in this that, 'The Graduate Medical Education Regulation Guidelines issued on 12 June 2023 have been withdrawn. NMC had recommended several changes in medical education under the guidelines, which were implemented from the session.
इन गाइडलाइंस में करिकुलम, रिसर्च और ह्यूमन रिर्सोसेस, दिव्यांग कैटेगरी के तहत एडमिशन समेत कई चीजों को लेकर दिशा-निर्देश थे। इस संबंध में एनएमसी की ओर से गाइडलाइंस जारी की जाएगी।
In these guidelines, there were guidelines regarding many things including Curriculum, Research and Human Resources, Admission under Divyang category. Guidelines will be issued by NMC in this regard.
बदलाव : एनएमसी की मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन में मुख्य सिफारिश यह थी कि, ऑल इंडिया कोटा और स्टेट कोटा की काउंसलिंग अलग-अलग की जगह एक साथ कराए। एक कॉमन काउंसलिंग कराने का प्रस्ताव था। फिलहाल 15 फीसदी सीटों की काउंसलिंग मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और राज्य की 85 फीसदी सीटों की काउंसिलिंग स्टेट्स अथॉरिटी से कराई है।
Changes: The main recommendation in the Medical Education Regulation of NMC was that the counseling for All India Quota and State Quota should be conducted together instead of separately. There was a proposal to conduct a common counselling. At present, the counseling of 15 per cent seats is done by the Medical Counseling Committee and the counseling of 85 per cent seats in the state is done by the State Authority.
दिशा-निर्देश में एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए गांवों के एक परिवार को गोद लेने, 30 अगस्त के बाद एडमिशन लेने पर डिग्री नहीं मान्य होने की डिटेल्स थी। अब इस रद्द कर दिया है।
The guidelines had details of adoption of a family from villages for MBBS students, degree not being valid for taking admission after August 30. Now this is cancelled.
एमबीबीएस : रेगुलेशन में कहा गया था कि छात्रों को एडमिशन की डेट से 9 वर्ष के अंदर एमबीबीएस पूरा होगा। वहीं पहले वर्ष की परीक्षा पास के लिए सिर्फ 4 अट्मेप्ट दिए जाने थे।
MBBS: It was said in the regulation that students would complete MBBS within 9 years from the date of admission. At the same time, only 4 attempts were to be given to pass the first year examination.
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