डीजल कार चलाते हैं तो गलती से मत करना ये गलती, ठप पड़एगा इंजन (If you drive a diesel car, do not make this mistake by mistake, the engine will stall)
May 25, 2023
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भारत में बी एस 6 फेस 2 के नियम लागू के चलते कई कार कंपनियों ने डीजल इंजन वाली कारों को बंद कर दिया. हालांकि भारतीय बाजार में कई गाड़ियां है जो कि डीजल इंजन के साथ बेची है. बड़ी संख्या में डीजल कारों का इस्तेमाल हैं. लेकिन कम को पता है कि इन्हें तरीका पेट्रोल कार के मुकाबले अलग है. ऐसी गलतियों का जिक्र कर जा रहे हैं, जो डीजल इंजन के साथ कभी नहीं करए.
Due to the implementation of BS 6 Phase 2 rules in India, many car companies discontinued diesel engine cars. Although there are many vehicles in the Indian market which are sold with diesel engines. A large number of diesel cars are in use. But few know that their method is different from that of a petrol car. Mentioning such mistakes, which should never be done with diesel engine.
टैंक में फ्यूल : इंजन कॉम्पोनेंट्स के लिए डीजल एक तरह के लूब्रिकेंट का काम है. फ्यूल लेवल कम होगा, तो फ्यूल पंप कंबशन चेंबर में हवा फेंकता है, जिससे इंजन के इंटरनल पार्ट्स को नुकसान है. कम फ्यूल पर गाड़ी से फ्यूल पंप पर दबाव है, जिससे नुकसान का खतरा है. इसलिए, टैंक में हमेशा पर्याप्त ईंधन रखें, जिससे इंजन और फ्यूल पंप काम करेंगे.
Fuel in the tank: Diesel acts as a lubricant for engine components. If the fuel level is low, then the fuel pump throws air into the combustion chamber, which damages the internal parts of the engine. On low fuel there is pressure on the fuel pump from the vehicle causing a risk of damage. So, always keep enough fuel in the tank, so that the engine and fuel pump will work.
इंजन स्टार्ट : इंजन शुरू के ठीक बाद हर ड्राइवर की यह प्रवृत्ति है. लेकिन डीजल इंजन के साथ ऐसा करना महंगा पड़ेगा. इंजन शुरू के बाद, इसे गर्म के लिए कुछ समय दें. इससे इंजन की उम्र बढ़ेगी और प्रदर्शन में मदद मिलेगी. ठंडे इंजन को दौड़ाने से पिस्टन, पिस्टन रिंग, वाल्व और सिलेंडर के समय से पहले खराब होने का खतरा बढ़ता है.
Engine Start : This is the tendency of every driver right after starting the engine. But doing the same with a diesel engine would be costly. After starting the engine, give it some time to warm up. This will increase engine life and help in performance. Running a cold engine increases the risk of premature wear of the pistons, piston rings, valves and cylinders.
कम आरपीएम : कम आरपीएम पर कार चलाना डीजल इंजन और ट्रांसमिशन दोनों को नुकसान पहुंचाता है. यह इंजन पर ज्यादा दबाव डालता है. यह कार की परफॉर्मेंस और जीवनकाल पर प्रभाव डालता है. हमेशा कंपनी द्वारा निर्दिष्ट आरपीएम रेंज का पालन करें.
Low RPM: Driving a car at low RPM damages both the diesel engine and the transmission. This puts more strain on the engine. This has an impact on the performance and lifespan of the car. Always follow the rpm range specified by the company.
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