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कंगाल कर मालामाल हो रहे हैकर ! नया तरीका (Hackers getting rich by being poor! New Way)

कंगाल कर मालामाल हो रहे हैकर ! नया तरीका (Hackers getting rich by being poor! New Way)

कंगाल कर मालामाल हो रहे हैकर ! नया तरीका (Hackers getting rich by being poor! New Way)

दुनिया में मंदी का दौर है. कई लोगों की नौकरी जा रही है. इसका फायदा उठाते हुए साइबर अपराधी संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए नौकरी चाहने वालों को टारगेट के लिए फिशिंग और मैलवेयर का उपयोग हैं.  साइबर सुरक्षा फर्म ट्रेलिक्स के शोध के अनुसार- फिशिंग हमलों में, नौकरी वालों को फर्जी कंपनियों या भर्ती एजेंसियों से ईमेल प्राप्त हैं, जिसमें उनसे व्यक्तिगत जानकारी या लॉगिन क्रेडेंशियल प्रदान के लिए कहा है. यह दिखने में असली लगते हैं. इनको संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए डिजाइन है. जानते हैं इसके बारे में...
The world is in recession. Many people are losing their jobs. Taking advantage of this, cyber criminals use phishing and malware to target job seekers to steal sensitive information. In phishing attacks, jobseekers receive emails from fake companies or recruitment agencies asking them to provide personal information or login credentials, according to research by cyber security firm Trelix. It looks real in appearance. These are designed to steal sensitive information.

स्कैम (Scam)
नौकरी चाहने को वेबसाइटों से दुर्भावनापूर्ण अटैचमेंट या यूआरएल प्राप्त हैं, जो डिवाइस को मैलवेयर से संक्रमित हैं या ऐसे सॉफ्टवेयर डाउनलोड हैं जो एक्सेस करने का मौका हैं. मैलवेयर का उपयोग संवेदनशील डेटा को चुराने या नौकरी चाहने वाले के डिवाइस और उस पर संग्रहीत डेटा तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने के लिए किया है.
Job seeker has received malicious attachments or URLs from websites, devices infected with malware or software downloads that have a chance to be accessed. Malware is used to steal sensitive data or gain unauthorized access to the job seeker's device and the data stored on it.

 रिपोर्ट में है कि हमलावर नौकरी चाहने वालों के रूप में इम्प्लॉयर्स को टारगेट हैं ताकि आवेदक के रिज्यूम के रूप में अचैट किए गए अटैचमेंट या यूआरएल के माध्यम से मैलवेयर वितरित कर शोषण किया जा सके. हमला तेजी से आम है क्योंकि साइबर अपराधी नियोक्ताओं को मिलने वाले नौकरी के आवेदनों की उच्च मात्रा का लाभ हैं. 
It is reported that attackers target employers as job seekers to exploit by distributing malware via attachments or URLs masquerading as applicant's resumes. Attacks are increasingly common as cyber criminals take advantage of the high volume of job applications that employers receive.

इन अटैक्स का उद्देश्य संवेदनशील जानकारी तक पहुंचता है. रिपोर्ट में जॉब-थीम वाले ईमेल को अधिक वैध के लिए सोशल सिक्योरिटी नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे नकली या चोरी दस्तावेजों का उपयोग करते हुए हमले हैं. नौकरी-थीम वाले साइबर हमलों में से 70 प्रतिशत से अधिक अमेरिका में टारगेट थे. रिपोर्ट में उल्लेख किया - जापान, आयरलैंड, यूके, स्वीडन, पेरू, भारत, फिलीपींस, जर्मनी और अन्य देशों में देखे गए, हालांकि अन्य देशों की ओर हमलों का प्रतिशत अमेरिका की तुलना में काफी कम था.
The purpose of these attacks is to access sensitive information. There have been attacks using fake or stolen documents such as social security numbers and driver's licenses to pass off job-themed emails as more legitimate, in reports. More than 70 percent of job-themed cyberattacks were targeted in the US. Reported - Seen in Japan, Ireland, UK, Sweden, Peru, India, Philippines, Germany and other countries, although the percentage of attacks towards other countries was much lower than in the US.

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