शाह का ऐलान! 500 से अधिक ऐप्स बैन (Shah's announcement! more than 500 apps banned)
Mar 29, 2023
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साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं. हैकर्स और स्कैमर्स ऐप्स से लोगों के बैंक अकाउंट को खाली कर रहे हैं. बचने के लिए पुलिस जाग्रुक है वहीं गूगल ने इन खतरनाक ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया है. भारत सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचे और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के कामकाज की समीक्षा की. इस दौरान धोखाधड़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 500 से अधिक ऐप्स को आई4सी की सिफारिश पर बैन किया गया है.
Cyber fraud cases are increasing. Hackers and scammers are emptying people's bank accounts through apps. While the police is aware to avoid it, Google has removed these dangerous apps from the Play Store. Government of India is taking strict action. Union Home Minister Amit Shah reviewed the cyber security infrastructure and functioning of the Indian Cyber Crime Coordination Center (I4C) in New Delhi. During this, more than 500 apps have been banned on the recommendation of I4C due to fraud and national security reasons.
शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा केवल डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बनया है. मीडिया से साइबर अपराध के खतरे को रोकने के लिए की गई सभी पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया.
Shah said that cyber security is not limited to the digital world only. It has become a matter of national security. Urged the media to spread awareness about all the initiatives taken to curb the menace of cybercrime.
यूनिट टॉप 50 साइबर अटैक के मोडस ऑपरेंडी पर एनालिटिक रिपोर्ट तैयार है. वहीं साइबर वित्तीय धोखाधड़ी को देखते हुए 1930 हेल्पलाइन नंबर कार्ड ब्लाक करने जैसे कई सुविधाओं का वन पॉइंट सॉल्यूशन प्रदान है, इसमें 250 से अधिक बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हैं और 1.33 लाख से अधिक लोगों से साइबर अपराधियों द्वारा 235 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हुई है.
Analytical report is ready on the modus operandi of Unit Top 50 Cyber Attacks. Whereas 1930 helpline number provides one point solution to cyber financial frauds with multiple features like card blocking, has more than 250 banks and financial intermediaries onboard and recovery of more than Rs 235 crore by cyber criminals from more than 1.33 lakh people happened.
गृह मंत्रालय द्वारा जनवरी 2020 में लांच हुए साइबर क्राइम पोर्टल का अब तक 13 करोड़ से अधिक बार उपयोग है, जो विश्वसनीयता और उपयोगिता को बताता है. इससे 20 लाख से अधिक साइबर क्राइम शिकायतें दर्ज की गई, जिन आधार पर 40000 से अधिक एफआईआर दर्ज हुई. सीसीटीएनएस को देश के 16,625 पुलिस थानों में लागू किया है. इनमें 99.9 फीसदी पुलिस स्टेशन (16,597) सीधे सीसीटीएनएस पर 100 प्रतिशत एफआईआर दर्ज हैं. मंत्रालय ने बताया कि सीसीटीएनएस राष्ट्रीय डेटाबेस में अब तक 28.98 करोड़ पुलिस रिकॉर्ड हैं.
The cybercrime portal launched by the Ministry of Home Affairs in January 2020 has been used more than 13 crore times so far, which shows its credibility and usefulness. Due to this, more than 20 lakh cyber crime complaints were registered, on the basis of which more than 40000 FIRs were registered. CCTNS has been implemented in 16,625 police stations of the country. Of these, 99.9 per cent police stations (16,597) have registered 100 per cent FIRs directly on CCTNS. The ministry said that so far there are 28.98 crore police records in the CCTNS national database.
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