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फ्लो ज्यादा हो या कम देर में बदल ले सैनिटरी पैड, शेयर टिप्स (If the flow is more or less, change the sanitary pad, share tips)

फ्लो ज्यादा हो या कम देर में बदल ले सैनिटरी पैड, शेयर टिप्स (If the flow is more or less, change the sanitary pad, share tips)

फ्लो ज्यादा हो या कम देर में बदल ले सैनिटरी पैड, शेयर टिप्स (If the flow is more or less, change the sanitary pad, share tips)

हर महिला को पीरियड्स के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना होता है. कई महिलाएं प्रमुख मिजाज और ऐंठन से गुजरती हैं, वहीं, अन्य महिलाओं को कमजोरी और थकान का अनुभव है. ये मेंस्ट्रुअल साइकिल के लक्षण हैं, लेकिन यदि स्वच्छता बनाए नहीं रखती हैं, तो कुछ अन्य मुद्दों का भी अनुभव होता है. पीरियड्स के दौरान शरीर से बैक्टीरिया निकलते हैं. खराब स्वच्छता, विशेष रूप से समय पर सैनिटरी पैड न बदलने से कई समस्याएं हैं. जब पीरियड्स पर हों तो एक्सपर्ट हर चार घंटे में पैड बदलने की सलाह हैं.
Every woman faces many problems during periods. Many women go through major mood swings and cramps, whereas, other women experience weakness and fatigue. These are the symptoms of menstrual cycle, but if hygiene is not maintained, some other issues are also experienced. Bacteria come out of the body during periods. There are many problems due to poor hygiene, especially not changing sanitary pads on time. Experts recommend changing pads every four hours when on periods.

गायनोलॉजिस्ट अनुसार, ज्यादातर महिलाएं अपने ब्लड फ्लो के हिसाब से पैड बदलती हैं. हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं कि आपका ब्लड फ्लो अधिक है या कम, आपको हर 4 घंटे में पैड बदलए. यह बैक्टीरिया के संक्रमण के खतरे को रोकेगा और यदि आप दिन भर पैड नहीं बदलते हैं, तो संक्रमण होने का खतरा है. इसके अलावा योनि और मेंस्ट्रुअल साइकिल से जुड़ी कई हानिकारक समस्याओं का भी सामना करता है.
According to gynecologists, most women change pads according to their blood flow. However, it does not matter whether your blood flow is high or low, you should change the pad every 4 hours. This will prevent the risk of bacterial infection and if you do not change the pad throughout the day, there is a risk of infection. Apart from this, it also faces many harmful problems related to vagina and menstrual cycle.

बदबू (Smell)
अगर पैड नहीं बदलते हैं तो उसमें जमी ब्लड और उससे उत्पन्न होने वाली बैक्टीरिया के कारण बदबू आती है.
If the pad is not changed then it stinks due to the frozen blood and the bacteria produced by it.

इंफेक्शन (Infection)
जमा ब्लड और बैक्टीरिया एक संक्रमण का कारण बनते हैं, जो योनि में इंफेक्शन का कारण बनता है.
The accumulated blood and bacteria cause an infection, which causes a vaginal infection.

फंगल (Fungal)
यदि पैड लंबे समय तक लगाता है तो उसमें नमी बढती है जो फंगल इंफेक्शन के लिए एक उत्तेजक होती है.
If the pad is applied for a long time, then the moisture increases in it, which is a provocateur for fungal infection.

खुजली और जलन (Itching and burning)
लंबे समय तक पैड से योनि में नमी बढ़ने के कारण खुजली और जलन की समस्या होती है.
The problem of itching and burning occurs due to increased moisture in the vagina from the pads for a long time.

अपना पैड समय पर क्यों बदलना चाहिए चाहे ब्लड फ्लो कम हो या अधिक. इस अलावा गीलापन महसूस होगे तो तुरंत जाकर पैड बदल लें. यदि प्रवाह हल्का है और पैड साफ है, तब भी जाकर इसे बदल लें. एक पैड को 4-5 घंटे से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना है.
Why should you change your pad on time whether the blood flow is low or high. Apart from this, if you feel wetness, go and change the pad immediately. Even if the flow is light and the pad is clean, go ahead and change it. One pad is not to be used for more than 4-5 hours.

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