परीक्षा तनाव समाधान: इन तरीकों से दूर बच्चों का एग्जाम स्ट्रेस, टेंशन-फ्री पेपर (Exam stress solution: away from these methods exam stress of children, tension-free paper)
Feb 22, 2023
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इस वक्त लगभग सभी स्कूलों में फाइनल एग्जाम हैं, जिसके लिए बच्चे मेहनत कर रहे हैं. कुछ तो बोर्ड एग्जाम शुरू होने हैं और उसके बाद अच्छे कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा है. इस पर ज्यादा पढ़ने और बेहतर नंबर का दबाव बढ़ रहा है. माता-पिता की पीयर प्रेशर भी रंग दिखा है. ऐसे में अच्छे मार्क्स लाने का प्रेशर इस कदर है कि वे तनाव के शिकार हैं.
At present, there are final exams in almost all the schools, for which children are working hard. Some board exams are about to start and after that there is entrance exam for good college. The pressure to study more and score better numbers is increasing. Peer pressure from parents has also shown its colors. In such a situation, the pressure of getting good marks is such that they are victims of stress.
मेट्रो अस्पताल की कंसल्टेंट ने बताया कि फाइनल एग्जाम के पास आते बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स की टेंशन बढ़ती है. इससे मेंटल स्ट्रेस बढ़ती है. खासतौर पर बच्चों के लिए तो एग्जाम टाइम स्ट्रेस से भरा है. इस वक्त पेरेंट्स को कोशिश चाहिए कि उनका बच्चा तनाव से मुक्त रहें. बच्चों पर एग्जाम का प्रेशर होना आम है. कभी-कभी ये तनाव बच्चों के लिए फायदेमंद है तो कई अत्यधिक दबाव से चिंता और घबराहट बढ़ती है. इसका सीधा असर बच्चे की दिमागी स्वास्थ्य पर है और उनकी पढ़ाई प्रभावित है.
The consultant of Metro Hospital told that along with the children coming near the final exam, the tension of the parents increases. This increases mental stress. Especially for children, exam time is full of stress. At this time, parents should try to keep their child free from stress. It is common for children to have exam pressure. Sometimes this stress is beneficial for children, while excessive pressure increases anxiety and nervousness. This has a direct effect on the mental health of the child and their studies are affected.
फाइनल एग्जाम के दौरान बच्चों के साथ-साथ उनके पैरेंट्स भी तनाव में आते हैं. बच्चे अपने पेरेंट्स से परेशानी से बाहर आना सीखते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ बात करें और उन्हें शांत रखने का प्रयास करें. बच्चों की स्ट्रेस और एंजायटी को मजाक में ना लें, क्योंकि खतरनाक साबित होता है. बच्चों के निर्णय में उनका साथ दें. एग्जाम में बच्चों को कई बार एंजायटी महसूस होती है, बच्चों को कुछ ब्रीदिंग टेक्निक सिखाएं जिससे वह महसूस करें. व्यायाम के लिए प्रेरित करें.
During the final exam, along with the children, their parents also come under stress. Children learn to come out of trouble from their parents. In such a situation, talk with the children and try to keep them calm. Do not take children's stress and anxiety as a joke, because it proves to be dangerous. Support the children in their decisions. Many times children feel anxiety in exams, teach children some breathing techniques so that they feel. Get motivated to exercise.
एक बैलेंस डाइट बच्चों में एनर्जी और फोकस के लेवल को बढ़ाने में है. जंक फूड कुछ वक्त के लिए मूड को बेहतर बनाने में मदद है लेकिन थकान और सुस्ती आती है. परीक्षा का समय बच्चों में सेल्फ डाउट की भावना पैदा है. वह खुद को हीनभावना से देखते हैं और क्लास में पढ़ने वाले बच्चों से करते हैं. माता-पिता बच्चे को प्रोत्साहित करें. समय पर खाने 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है. लेट नाइट तक पढ़ाई के बाद अच्छी नींद नहीं के कारण कई बार बच्चे एग्जाम देते समय पढ़ी हुई चीज भूलते हैं.
A balanced diet helps in increasing the level of energy and focus in children. Junk food helps in improving the mood for some time but fatigue and lethargy comes. The time of examination creates a feeling of self-doubt in children. He looks at himself with inferiority complex and treats the children studying in the class. Parents encourage the child. 7 to 8 hours of sleep is necessary to eat on time. Due to lack of good sleep after studying till late night, many times children forget what they have read while giving exams.
ध्यान (Focus)
- बच्चों को दिन/रात सही लगे, उससे पढ़ने दें.
- Let the children study day/night as per their liking.
- बच्चों की तुलना न करें, सबकी क्षमता होती है.
Don't compare children, everyone has potential.
- बच्चों से उचित उम्मीद रखें, उन पर ज्यादा नंबर का प्रेशर न डालें.
Keep reasonable expectations from children, do not put too much pressure on them.
- ऐसे बच्चे को इमोशनल सपोर्ट जरूरी है. उससे पुरानी नाकामियों की बात न करें.
Emotional support is necessary for such a child. Don't talk about past failures with him.
- बच्चा देर तक पढ़ता है तो कोई एक पैरंट उसके साथ जागे, इससे हौसला बढ़ता है.
When a child studies for a long time, a parent wakes up with him, it boosts his morale.
- बच्चों से हर वक्त पढ़ाई और सिलेबस न करें, इस वक्त फ्यूचर प्लान, करियर आदि की बात न करें.
Do not study and study syllabus with children all the time, do not talk about future plans, career etc. at this time.
- बच्चे से मैंने तुमसे ऐसे कहा था या कितने नंबर लाओगे की बजाय उससे कहें कि हम साथ हैं.
I told you like this to the child or how many numbers will you bring, instead of telling him that we are together.
लगातार सिरदर्द, बदन दर्द, चक्कर आने, फलटी महसूस होने, भूलने, घबराहट, बेचैनी, पढ़ने में मन न लगने जैसी समस्याएं है उस पर ध्यान दें. हो सकता है कि वह ज्यादा तनाव में है. यह न सोचें कि वह पढ़ाई से बचने के लिए बहाना है. ऐसे में उसे फौरन सायकॉलजिस्ट या काउंसलर के पास ले जाएं.
If there are problems like constant headache, body pain, dizziness, nausea, forgetfulness, nervousness, restlessness, lack of interest in reading, pay attention to them. Maybe he is under too much stress. Do not think that it is an excuse to avoid studies. In this case, immediately take him to a psychologist or counselor.
एग्जाम से पहले ध्यान (Meditation before exam)
- खुद को रिलैक्स रखें. यह परेशान न हों कि यह तैयार नहीं किया, वह छूट गया. कोई फायदा नहीं क्योंकि अभी पढ़ा है, उससे लिखने में भलाई है.
Keep yourself relaxed. Don't be upset that didn't make it, he missed it. There is no use because I have read now, it is better to write.
- अक्सर बच्चों को लगता है कि मैं भूल गया, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आपने पढ़ाई की है और मन रिलैक्स है तो पेपर देखकर पढ़ा याद आएगा.
- Often children feel that I have forgotten, but it is not so. If you have studied and your mind is relaxed, then you will remember what you read after seeing the paper.
- अच्छी नींद जरूरी है. 7-8 घंटे की नींद जरूर लें. एग्जाम से पहली रात खासकर टाइम पर सोएं ताकि सुबह फ्रेश उठें. आधे घंटे की पावर नैप ले लें.
- Good sleep is necessary. Take 7-8 hours of sleep. Sleep on time the night before the exam so that you wake up fresh in the morning. Take a power nap of half an hour.
- पैरंट्स बच्चे को डिनर टाइम पर करा दें. बच्चे को घबराहट में नींद नहीं हो तो उसे एक कप गुनगुना दूध पिलाएं.
- Parents should get the child done at dinner time. If the child does not sleep due to nervousness, then give him a cup of lukewarm milk.
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