कार ड्राइविंग की इन बुरी आदत, इंजन और जान दोनों को खतरा (These bad habits of car driving, danger to both engine and life)
Jan 2, 2023
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो अनुसार, हर साल सड़क दुर्घटना में 1.5 लाख मौतें हैं. यह दुनिया भर में कुल दुर्घटनाओं का 11 प्रतिशत है. सड़क पर वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी है. कई बार छोटी-मोटी गलतियों से बड़ी दुर्घटना होती है. हम ऐसी खराब ड्राइविंग आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो 2023 में जरूर छोड़ देए.
According to the National Crime Records Bureau, there are 1.5 lakh deaths in road accidents every year. This is 11 percent of the total accidents worldwide. It is necessary to follow the traffic rules while driving on the road. Sometimes small mistakes lead to big accidents. We are telling about such bad driving habits, which must be left in 2023.
1. सनरूफ (Sunroof)
देश में सनरूफ की कारों का क्रेज बढ़ रहा है. लेकिन गलत इस्तेमाल तेजी से देखने को है. अक्सर सनरूफ वाली कारों से बाहर निकलने की गलती हैं, जो गलत है. ऐसा खतरनाक है. कार ड्राइवर ब्रेक लगा दे तो सनरूफ से निकलते गंभीर चोट लगती है और जान खतरा है.
The craze for sunroof cars is increasing in the country. But misuse is increasingly visible. It is often mistaken for exiting cars with sunroof, which is wrong. That's dangerous. If the driver of the car applies brakes, coming out of the sunroof, there is a serious injury and there is a danger to life.
2. गलत दिशा (Wrong direction)
भारत में गलत दिशा में गाड़ी चलाना आम है. सड़क परिवहन मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अकेले 2021 में देश में गलत साइड ड्राइविंग के कारण 2,823 मौतें हुईं. गलत दिशा में गाड़ी से वाहन और उस रोड पर मौजूद जान खतरे में पड़ती है.
Driving in the wrong direction is common in India. According to a recent report by the Ministry of Road Transport, 2,823 deaths occurred due to wrong side driving in the country in 2021 alone. Driving in the wrong direction puts the vehicle and the lives on that road in danger.
3. सीट बेल्ट (Seat belt)
आगे वाली सीट पर ही नहीं, पीछे बैठकर भी सीट बेल्ट लगाने की आदत डाल लें. भारत के विभिन्न शहरों में पीछे बैठे यात्रियों का भी इस नियम के उल्लंघन पर चालान काटता है. 2021 में दर्ज 19,800 मौतों में से 16,397 (83 प्रतिशत) पीड़ितों ने दुर्घटना के समय सीट बेल्ट नहीं थी.
Get into the habit of wearing seat belts not only on the front seat, but also on the back seat. Passengers sitting behind in different cities of India are also fined for violating this rule. Of the 19,800 deaths recorded in 2021, 16,397 (83 per cent) victims were not wearing seat belts at the time of the accident.
4. ओवर-स्पीडिंग (Over-speeding)
तेज स्पीड से वाहन चलाना एक्सीडेंट का खतरा बढ़ाता है. आंकड़े हैं कि साल 2021 में ओवर-स्पीडिंग के कारण होने वाली मौतों में 23 प्रतिशत की वृद्धि है. कुल मिलाकर, 95,785 ओवर-स्पीडिंग दुर्घटनाओं को पिछले साल दर्ज किया, जिससे 40,450 मौतें हुईं.
Driving at high speed increases the risk of accident. There are statistics that there is a 23 percent increase in deaths due to over-speeding in the year 2021. Overall, 95,785 over-speeding accidents were registered last year, which resulted in 40,450 deaths.
5. पार्किंग लाइट (Parking light)
पार्किंग लाइट्स (हैजर्ड लाइट ) का सही इस्तेमाल को नहीं पता. अगर वाहन में खराबी है और बीच सड़क रूकना पड़ गया या स्लो स्पीड में गाड़ी चलानी पड़ रही है, तो इन लाइट्स का इस्तेमाल चाहिए. जबकि कई लोग इन्हें धुंध की स्थिति में जलाते हैं, जो गलत है. मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 177 के तहत हैजार्ड लाइट का गलत तरीके से इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगाता है.
Does not know the correct use of parking lights (Hazard Light). If there is a fault in the vehicle and it has to stop in the middle of the road or the vehicle has to be driven at a slow speed, then these lights should be used. While many people burn them in the condition of fog, which is wrong. Section 177 of the Motor Vehicle Act imposes a fine on those who use the hazard light incorrectly.
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