एम.ए. के बाद क्या करें? बेस्ट हैं ये करियर (M.A. What to do after? this career is best)
Dec 28, 2022
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आर्ट्स स्ट्रीम में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल के बाद ज्यादातर छात्र करियर को लेकर काफी कंफ्यूज हैं. उन्हें समझ में नहीं है कि वे आगे क्या करें. करियर ऑप्शंस को जानकारी का अभाव है वर्ना एमए के बाद करियर की अनेक राहें हैं.
Most of the students are very confused about the career after getting the post graduation degree in Arts stream. They do not understand what to do next. There is a lack of information about career options, otherwise there are many career paths after MA.
भविष्य में अच्छी सैलरी और पोस्ट वाली जॉब हैं तो एमए डिग्री हासिल के बाद करियर ऑप्शंस की भरमार है. टीचिंग फील्ड के अलावा जर्नलिज्म, एडवर्टाइजिंग जैसे कई क्षेत्रों में अपनी जगह बनाते हैं. एमए खत्म होते ही नौकरी की तैयारी भी शुरू की जाती है.
If there are jobs with good salary and post in future, then there are a lot of career options after getting MA degree. Apart from the teaching field, they make their place in many fields like journalism, advertising. Job preparation is also started as soon as the MA is over.
एमए के बाद कोर्स (Courses after MA)
एमए के बाद आगे पढ़ाई जारी अच्छा फैसला साबित होता है क्योंकि इससे नौकरी मिलना अच्छा होगा.
Continuing further studies after MA proves to be a good decision as it will be good to get a job.
– बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed.)
दो साल का डिग्री कोर्स है, जिसमें बच्चों को पढ़ाने के अलग-अलग तरीकों में पढ़ाता है. एमए करने के बाद B.Ed. करने से पीजीटी पूरी मानी है. एमए + बीएड के बाद सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के स्कूल में 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए योग्य माना जा है.
There is a two-year degree course, in which children are taught in different ways of teaching. After doing MA, B.Ed. Doing PGT is considered complete. After MA + B.Ed, both government and private schools are considered eligible to teach children up to 12th standard.
– मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M.Phil.)
एम.फिल का कोर्स 2 साल का है, जिसमें विद्यार्थी को थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों तरह का ज्ञान है. इसमें विद्यार्थी को अपने चुने हुए विषय में रिसर्च करनी है. एम.फिल की पढ़ाई पूरी के बाद किसी संस्थान से जुड़कर रिसर्च करते हैं या संस्थान में हायर क्लासेस के बच्चों को पढ़ाते हैं.
The course of M.Phil is of 2 years, in which the student has both theory and practical knowledge. In this, the student has to do research in his chosen subject. After completing M.Phil studies, he joins an institute and does research or teaches higher classes in the institute.
– डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (PhD)
पीएचडी,एमफिल से ऊंचे लेवल की पढ़ाई है. इसमें चुने हुए विषय में थ्योरी पढ़नी होती है और रिसर्च पूरी करनी होती है. यह डिग्री कोर्स 3 से 5 साल का है. विद्यार्थी जितनी जल्दी रिसर्च पूरी करगे, उन्हें उतनी जल्दी पीएचडी की डिग्री मिलएगी.
PhD is higher level education than MPhil. In this, theory has to be read in the chosen subject and research has to be completed. This degree course is of 3 to 5 years. The sooner the students complete the research, the sooner they will get the PhD degree.
नौकरी तैयारी (Job Preparation)
आप जिस फील्ड में नौकरी करते हैं, उससे जुड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दें.
Start preparing for competitive exams related to the field in which you work.
अगर एमए के बाद बैंक में नौकरी करते हैं तो बैंक क्लर्क या बैंक पीओ की तैयारी करें.
If you work in a bank after MA, then prepare for Bank Clerk or Bank PO.
अगर रेलवे में नौकरी पाते हैं आरआरबी ग्रुप डी, आरआरबी एनटीपीसी, असिस्टेंट स्टेशन मास्टर जैसी पोस्ट्स के लिए तैयारी करते हैं.
If you get a job in Railways, prepare for posts like RRB Group D, RRB NTPC, Assistant Station Master.
एमए के बाद भारत की डिफेंस सर्विस में जाते हैं तो एनडीए, सीडीएस, सीएपीएफ, आईएएफ आदि परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.
After MA, if you go to the Defense Service of India, then prepare for the examinations like NDA, CDS, CAPF, IAF etc.
अगर आईएएस या पीसीएस बनना हैं तो एम.ए. के बाद सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन की तैयारी कर सकते हैं.
If you want to become IAS or PCS then M.A. After that you can prepare for Civil Services Examination.
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