-->
हृदयाघात का प्रभाव : कम उम्र में हार्ट अटैक, रखें दिल का ख्याल (Effects of heart attack: Heart attack at a young age, take care of your heart)

हृदयाघात का प्रभाव : कम उम्र में हार्ट अटैक, रखें दिल का ख्याल (Effects of heart attack: Heart attack at a young age, take care of your heart)

हृदयाघात का प्रभाव : कम उम्र में हार्ट अटैक, रखें दिल का ख्याल (Effects of heart attack: Heart attack at a young age, take care of your heart)

उम्र बढ़ने के साथ दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है. यंग एज से ही हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर इस बीमारी से बचाता है, जो दुनिया में पुरुषों और महिलाओं दोनों की मौत में पहले नंबर पर है. पहले मिडिल एज और उम्रदराज लोग कोरोनरी डिजीज के शिकार होते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ युवाओं में भी इस बीमारी का खतरा देखा है, जिससे बचना जरूरी है. 
The risk of heart diseases increases with age. Adopting a healthy lifestyle from a young age prevents this disease, which is the number one cause of death for both men and women in the world. Earlier, middle age and old people used to be victims of coronary disease, but with the changing times, the danger of this disease has also been seen in the youth, which is necessary to avoid.

दिल से मौत का खतरा (Risk of death from heart)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज , दिल का दौरा और हाई ब्लड प्रेशर गैर-संक्रामक बीमारियों से जुड़ी 45 फीसदी मौतों के जिम्मेदार हैं. सांस संबंधी रोगों से 22 फीसदी, कैंसर से 12 फीसदी और मधुमेह से 3 फीसदी लोगों की मौत है. 
According to the World Health Organisation, coronary artery disease, heart attack and high blood pressure are responsible for 45 per cent of non-communicable disease-related deaths. 22 percent of people died due to respiratory diseases, 12 percent due to cancer and 3 percent due to diabetes.

कम उम्र में हॉर्ट डिजीज 
(Heart disease at a young age)
कम उम्र में 80 फीसदी दिल के दौरों को रोका जा सकता है, बशर्ते कि उपाय जल्द ही अपनाए. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक धूम्रपान से बचने, स्वस्थ आहार लेने, रेगुलर एक्सरसाइज करने, सही वजन, ब्लड प्रेशर, शुगर , कोलेस्ट्रॉल का उचित स्तर बनाने की शुरुआत यंग एज में ही कर दे. 
80 percent of heart attacks can be prevented at a young age, provided measures are adopted soon. According to health experts, starting from a young age should avoid smoking, take a healthy diet, exercise regularly, maintain proper weight, blood pressure, sugar, and cholesterol levels.

दिल की बीमारी (Heart disease)
हार्ट डिजीज मुख्य रूप से धमनी की दीवार पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थो के निर्माण के कारण है, जो एथरोस्क्लेरोसिस के नाम से जाना है. कम उम्र में ही होता है और ब्लॉक करते हैं, जहां हृदय शरीर के ऊतकों को पर्याप्त रक्त पंप करने में असमर्थ होता है. हृदय और रक्त वाहिका संबंधी विभिन्न बीमारियां होती हैं.
Heart disease is mainly due to the build-up of fat, cholesterol and other substances on the artery wall, which is known as atherosclerosis. Occurs at an early age and heart block, where the heart is unable to pump enough blood to the body's tissues. There are various diseases related to heart and blood vessels.

हार्ट डिजीज लक्षण (Heart disease symptoms)
डॉक्टर्स के मुताबिक खास दिल की बीमारियों के लक्षणों में एक्सरसाइज के दौरान सीने में दर्द होना या एंजाइना है. सांस लेने में दिक्कत होना, पसीना आना, घबराहट, एपिगैस्ट्रिक हैं.
According to doctors, the symptoms of certain heart diseases include chest pain or angina during exercise. Difficulty in breathing, sweating, anxiety, are epigastric.

0 Response to "हृदयाघात का प्रभाव : कम उम्र में हार्ट अटैक, रखें दिल का ख्याल (Effects of heart attack: Heart attack at a young age, take care of your heart)"

Post a Comment

Thanks