आजादी का त्योहार 2022: देश की अर्थव्यवस्था , 75 साल में आर्थिक मोर्चे पर भारत (Independence Festival 2022: Country's on the economy, India on the economic front in 75 years)
Aug 15, 2022
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देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हैं. देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है. आजादी की 75वीं वर्षगांठ को सेलिब्रेट के लिए तैयारियां हैं. 75 साल पहले और आज के भारत में जनसंख्या से प्रति व्यक्ति आय तक और आर्थिक मोर्चे से लेकर तकनीकी क्षेत्र तक में भारत आगे निकलया है.
The country has completed 75 years of independence. Amrit festival of freedom is celebrated across the country. Preparations are on to celebrate the 75th anniversary of independence. 75 years ago and in today's India from population to per capita income and from economic front to technical field, India has moved ahead.
अर्थव्यवस्था भारत (Economy India)
आजादी भारत की पहचान दुनिया के गरीब देश के रूप में थी. आज भारतवर्ष दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्था में शामिल होने की तरफ अग्रसर है. इतना ही नहीं आजादी के समय से लेकर देश की प्रति व्यक्ति आय में भी बड़ा बदलाव है.
Independence India was recognized as the poor country of the world. Today India is the fastest growing economy of the world. India is on the way to be included in the top 3 economy of the world. Not only this, there is a big change in the per capita income of the country since independence.
55 गुना जीडीपी (55 times GDP)
1947 में देश की जीडीपी महज 2.7 लाख करोड़ रुपये थी. दुनिया की कुल जीडीपी का 3 प्रतिशत से कम हिस्सा था. भारत की जीडीपी लगभग 150 लाख करोड़ रुपये है. पिछले 75 साल में जीडीपी का आकार 55 गुने से भी ज्यादा है. भारत के हिस्से की बात करें तो यह 9 प्रतिशत है.
In 1947, the GDP of the country was only 2.7 lakh crore rupees. It accounted for less than 3 percent of the total GDP of the world. The GDP of India is about 150 lakh crore rupees. In the last 75 years, the size of GDP is more than 55 times. Talking about India's share, it is 9 percent.
10% हिस्सेदारी (10% stake)
अगले दो साल यानी 2024 तक इसका हिस्सा 10 प्रतिशत के उम्मीद है. 75 साल के इस सफर में तीन मौके जब अर्थव्यवस्था की ग्रोथ शून्य से नीचे रही. ये साल थे पहली बार 1965, दूसरी बार 1979 और तीसरी बार 2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान. इकोनॉमी की पटरी पर भारत की जीडीपी सरपट दौड़ रही है.
Its share is expected to be 10 percent for the next two years i.e. by 2024. In this journey of 75 years, three occasions when the growth of the economy remained below zero. These years were the first time in 1965, the second time in 1979 and the third time in 2020 during the Corona epidemic. India's GDP is galloping on the track of the economy.
सोने कीर्तिमान (Gold record)
देश आजाद था तो उस समय 10 ग्राम सोने की कीमत 90 रुपये थी. लेकिन यह 52 हजार रुपये के करीब सफर है. यह 56 हजार के पार रिकॉर्ड स्तर तक भी चला गया था. उस समय भारत को सोने की चिड़िया था.
When the country was independent, at that time the price of 10 grams of gold was 90 rupees. But this is a journey close to 52 thousand rupees. It had also gone beyond 56 thousand to the record level. At that time India had a golden bird.
आय (Income)
प्रति व्यक्ति आय ही वह आंकड़ा है किसी भी देश की खुशहाली और उसके विकास का अंदाजा लगाता है. आजादी के बाद 1950-51 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 274 रुपये थी. जो कि आज बढ़कर करीब 1.5 लाख रुपये वार्षिक है. इस आंकड़े में भी भारत ने प्रगति की है.
Per capita income is that figure which gives an idea of the prosperity and development of any country. After independence, in 1950-51, India's per capita income was Rs 274. Which has increased today to about 1.5 lakh rupees annually. India has also made progress in this figure.
विदेशी भंडार (Overseas reserves)
देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है, यह विदेशी मुद्रा भंडार से तय है. भारत में भी ग्रोथ दर्ज है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा रिजर्व है. 1950-51 में देश का फॉरेक्स रिजर्व महज 1029 करोड़ रुपये पर था.
How strong is the economy of the country, it is decided by the foreign exchange reserves. Growth is also registered in India. India's foreign exchange reserves are currently more than Rs 46 lakh crore. It is the fifth largest reserve in the world. In 1950-51, the country's forex reserve was only at Rs 1029 crore.
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