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गरीबी की बदली परिभाषा, हर रोज इतने से कम आय वाले आएंगे श्रेणी  (Changed definition of poverty, category will come every day with less income)

गरीबी की बदली परिभाषा, हर रोज इतने से कम आय वाले आएंगे श्रेणी (Changed definition of poverty, category will come every day with less income)

गरीबी की बदली परिभाषा, हर रोज इतने से कम आय वाले आएंगे श्रेणी  (Changed definition of poverty, category will come every day with less income)

अगर कोई प्रतिदिन 167 रुपये (2.15 डॉलर) से कम कमाता है तो उसे अत्यंत गरीब होगा. वर्ल्ड बैंक का ये मानक है. पहले 147 रुपये कमाने वाले व्यक्ति को अत्यंत गरीब है. वर्ल्ड बैंक पर आंकड़ों को महंगाई, जीवन-यापन के खर्च में वृद्धि समेत कई मानकों के आधार पर अत्यंत गरीबी रेखा में बदलाव है.
If someone earns less than 167 rupees ($2.15) a day, he will be extremely poor. This is the standard of the World Bank. The person who earned Rs 147 earlier is very poor. The data on the World Bank is a change in the extreme poverty line based on several parameters, including inflation, increase in the cost of living.

साल 2015 के आंकड़ों के आधार पर आकलन है, जबकि कई चीजें बदल हैं. वर्ल्ड बैंक यह नया मानक इस साल के अंत तक लागू करेगा. 2017 की कीमतों का उपयोग नई वैश्विक गरीबी रेखा 2.15 डॉलर पर है. 
The assessment is based on the data of 2015, while many things have changed. The World Bank will implement this new standard by the end of this year. Using 2017 prices the new global poverty line is at $2.15.

कोई व्यक्ति जो 2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन यापन है, अत्यधिक गरीबी में है. 2017 में वैश्विक स्तर पर सिर्फ 70 करोड़ लोग इसमें थे, लेकिन मौजूदा समय में यह संख्या की आशंका है.
Someone who lives on less than $2.15 a day is in extreme poverty. In 2017, there were only 700 million people globally, but at present this number is feared.

वैश्विक गरीबी रेखा को समय-समय पर दुनियाभर में कीमतों में बदलाव को दर्शाने के लिए है. अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा में वृद्धि दुनिया के बाकी हिस्सों में 2011 और 2017 के बीच कम आय वाले देशों में बुनियादी भोजन, कपड़े और आवास की जरूरतों में वृद्धि को दर्शाती है. 2017 की कीमतों में 2.15 डॉलर का वास्तविक मूल्य है जो 2011 की कीमतों में 1.90 डॉलर का था.
The global poverty line is meant to reflect changes in prices across the world over time. The increase in the international poverty line reflects an increase in basic food, clothing and housing needs in low-income countries between 2011 and 2017 in the rest of the world. The actual value is $2.15 in 2017 prices which was $1.90 in 2011 prices.

बीपीएल में कमी (Decrease in bpl)
भारत की बीपीएल की स्थिति में साल 2011 की तुलना में 2019 में 12.3% की कमी है. वजह ग्रामीण गरीबी में गिरावट है यानी आमदनी बढ़ी है. ग्रामीण क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से तेज़ से गिरावट के साथ वहां अत्यंत गरीबों की संख्या वर्ष 2019 में आधी घटकर 10.2 प्रतिशत हो गई, जबकि वर्ष 2011 में यह 22.5 प्रतिशत थी. बीपीएल के लिए विश्व बैंक के 1.90 डॉलर रोजाना कमाई को आधार है. 
The BPL status of India has decreased by 12.3% in 2019 as compared to the year 2011. The reason is decline in rural poverty i.e. income has increased. With a comparatively sharp decline in rural areas, the number of extremely poor there declined in half to 10.2 per cent in 2019, from 22.5 per cent in 2011. The World Bank's daily earnings of $1.90 for BPL is the basis.

आंकड़ों के अनुसार छोटे किसानों की कमाई में बढ़ोतरी है. छोटी जोत वाले किसानों के लिए वास्तविक आय में दो सर्वेक्षण के दौर (2013 और 2019) के बीच सालाना 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज है, जबकि बड़ी जोत वाले किसानों की आय केवल दो फीसदी बढ़ी है.
According to the data, there is an increase in the income of small farmers. Real incomes for smallholder farmers increased by 10 per cent annually between the two survey rounds (2013 and 2019), while those with large holdings grew by only two per cent.

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