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बेस्ट और यूनिक पेरेंटिंग टिप्स: बच्चों को बुरी संगत से कैसे बचाएं? पैरेंट अपनाएं  ऐसे तरीके (Best and Unique Parenting Tips: How to Protect Kids from Bad Company? Parents adopt such methods)

बेस्ट और यूनिक पेरेंटिंग टिप्स: बच्चों को बुरी संगत से कैसे बचाएं? पैरेंट अपनाएं ऐसे तरीके (Best and Unique Parenting Tips: How to Protect Kids from Bad Company? Parents adopt such methods)

बेस्ट और यूनिक पेरेंटिंग टिप्स: बच्चों को बुरी संगत से कैसे बचाएं? पैरेंट अपनाएं  ऐसे तरीके (Best and Unique Parenting Tips: How to Protect Kids from Bad Company? Parents adopt such methods)

बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं है, हर वक्त उनके पालन पोषण की चिंता लगती है. मां-बाप की कोशिश है कि बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जाएं, लेकिन इंटरनेट जमाने में बच्चों को गलत संगत का असर पड़ता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है. 
Raising children is not easy, there is always concern about their upbringing. It is the effort of the parents to give good values ​​to the children, but in the age of internet, children are affected by wrong company, so it is important to be cautious.

जानते हैं कि बच्चों को बुरे दोस्तों से बचाने के लिए पैरेंट्स आखिर करे.
(It is known that to save children from bad friends, parents should do the last thing)

1.  वक्त (Time)
बच्चों की परवरिश की पहली शर्त ये है कि उन्हें वक्त दें, इससे और बच्चे के बीच का रिश्ता गहरा होगा और वो दिल की बात खुलकर पैरेंट्स से शेयर करएगा. 
The first condition of raising children is to give them time, this will deepen the relationship between the child and he will openly share his heart with the parents.

2. दोस्ती (Friendship)
कोई भी इंसान चाहे वो छोटा हो या बड़ा, वो अपने राज उनसे शेयर करता है जिनसे अच्छी दोस्ती है. बच्चे के फ्रेंड्स बनगे तो वो बेझिझक बात बताएगा, साथ किसी भी हालात में असहज महसूस नहीं करेगा.
Any person whether he is small or big, he shares his secrets with those who are good friends. If the child becomes friends, then he will feel free to tell the matter, along with it he will not feel uncomfortable in any situation.

3. सख्ती (Strictly)
 एक सख्त मां-बाप से बच्चा झूठ की तरफ रुख करता है. अगर हर बात पर डांटेंगे तो वो हर बात दिनचर्या छिपाने लगेगा और मुमकिन है कि वो खुद को डांट से बचाने के लिए झूठ बोलना भी शुरू करगा. बच्चे मासूम होते हैं, इसलिए ज्यादातर मौके पर इमोशनल रुख अपनाएं.
From a strict parent, the child turns to lies. If he scolds on everything, then he will start hiding everything and it is possible that he will also start telling lies to save himself from the scolding. Children are innocent, so take an emotional stand on most occasions.

4. मना (Deny)
किसी बच्चे को अगर कोई ख्वाहिश है, तो वो सबसे पहले पैरेंट्स को बताता है, कई बार हम बातों को अनसुना करते हैं या नहीं मानते हैं. ऐसे में बच्चा जिद्दी होता है और दूरी बनती है. बच्चे की कुछ जायज मांगों को जरूर मांगना चाहिए, लेकिन किसी बुरी चीज तमन्ना है तो उसे डायरेक्ट मना के बजाए अच्छी तरह समझाएं तभी वो बातों को अनसुना नहीं करेगा.
If a child has any desire, then he first tells the parents, many times we ignore the things or do not believe. In such a situation, the child is stubborn and distance is created. Some legitimate demands of the child must be demanded, but if something bad is desired, then instead of direct refusal, explain it well, only then he will not listen to the things.

5.  दोस्तों के बारे में पता (Know about friends)
इस बात की पूरी जानकारी हो कि बच्चे के फ्रेंड्स और बेस्ट फ्रेंड्स कौन-कौन से हैं. बच्चा कैसे लोगों की संगत में है. ऐसी बाते पता होंगी तो बच्चों को गलत संगत में पड़ने से रोक लेंगे या बचा लेंगे.
Have complete information about who are the friends and best friends of the child. How is the child in the company of people? If you know such things, then you will stop or save the children from falling in the wrong company.

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