ब्रांड सुपरटेक समूह आखिर क्यों घोषित हुई दिवालिया? खरीददारों का क्या होगा, जानिए सभी डिटेल्स (Why did the brand Supertech Group finally declare bankruptcy? What will happen to the buyers, know all the details)
Mar 26, 2022
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दिल्ली-एनसीआर के करीब 25 हजार घर खरीदने की उम्मीद पाले हुए हुए ग्राहकों को झटका लगा है. दिल्ली-एनसीआर के चर्चित रियल स्टेट ब्रांड सुपरटेक समूह की रियल स्टेट फर्म लिमिटेड कंपनी को दिवालिया घोषी कर है. कंपनी के ऊपर लगभग 432 करोड़ रुपये का भुगतान न का आरोप है. कंपनी के खिलाफ दिवालिया कानूनों के तहत कार्यवाही शुरू है.
The customers who were expecting to buy about 25 thousand houses of Delhi-NCR have got a setback. Real Estate Firm Limited of Delhi-NCR's well-known real estate brand Supertech Group is declaring the company insolvent. The company is accused of non-payment of about Rs 432 crore. Proceedings are on against the company under insolvency laws.
यूनियन बैंक का कर्ज (Union bank loan)
सुपरटेक समूह ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का कर्ज नहीं चुकाया जिस पर बैंक ने याचिका दायर थी. बैंक की तरफ से दायर एक याचिका पर फैसला सुनाते एनसीएलटी ने कहा, 'वित्तीय ऋण के भुगतान में चूक है.' एनसीएलटी ने हितेश गोयल को सुपरटेक लिमिटेड के बोर्ड की जगह अंतरिम समाधान पेशेवर है. पीएसएन प्रसाद और राहुल भटनागर की दो सदस्यीय एनसीएलटी पीठ ने सुनवाई की. वित्तीय लेनदार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ-साथ कॉरपोरेट कर्जदार सुपरटेक द्वारा जमा दस्तावेजों ने पूर्व के इस दावे को 'प्रमाणित' किया है कि कर्ज था जिस पर बिल्डर ने चूक थी.
The Supertech group did not repay the loan of Union Bank of India on which the bank had filed a petition. While delivering its verdict on a petition filed by the bank, the NCLT said, "There is default in payment of financial loan". NCLT replaces Hitesh Goyal as interim resolution professional on the board of Supertech Ltd. The two-member NCLT bench heard the matter. The bench had "certified" the earlier claim that there was a loan on which the builder had defaulted, documents submitted by financial creditor Union Bank of India as well as corporate borrower Supertech.
एनसीएलटी ने लगाई रोक (NCLT banned)
एनसीएलटी ने सुपरटेक को किसी भी संपत्ति के हस्तांतरण और निपटान से रोक है. डिफ़ॉल्ट में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) में इको विलेज II परियोजना को ऋण है. 2013 में, सुपरटेक लिमिटेड ने बैंक संघ से का बैंकों से 350 करोड़ रुपये लोन के लिए आवेदन था यूनियन बैंक ऑफ इंडिया प्रमुख बैंक था. 30 दिसंबर 2013 को बैंकों और सुपरटेक के बीच एक ऋण समझौता था लेकिन लोन चुकाने में असमर्थ रही.
The NCLT has also restrained Supertech from transfer and disposal of any assets. Union Bank of India in default has loan to Eco Village II project in Greater Noida (West) in Uttar Pradesh. In 2013, Supertech Limited had applied for a loan of Rs 350 crore from banks consortium of which Union Bank of India was the major bank. There was a loan agreement between the banks and Supertech on 30 December 2013 but the company was unable to repay the loan.
झटका (Shock)
दिल्ली-एनसीआर में पिछले सालों में तेजी से फ्लैट्स बन हैं. इस बीच पिछले साल से नोएडा स्थित डेवलपर्स के लिए यह दूसरा झटका है. पहले 31 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड के जुड़वां 40-मंजिला टावरों को ध्वस्त करने का ऑर्डर था.अब यह दिवालिया कानून का नया झटका कंपनी के लिए तो झटके वाला है ही, ग्राहकों के लिए खतरा है. 25 हजार ग्राहकों को नुकसान होता है और घर में अब नए अड़ंगे लगते हैं.
Flats are being built rapidly in Delhi-NCR in the last few years. Meanwhile, this is the second major setback for the Noida-based developers since last year. Earlier on August 31, the Supreme Court had ordered the demolition of the twin 40-storey towers of Supertech Ltd. After that, now this new blow of the bankruptcy law is not only a setback for the company, but it is also a danger for the customers. Due to this, 25,000 customers may suffer and they may now face new hurdles in getting the house.
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