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वॉट्सएप बना है 'बीमारी', आदत से झल्ल रहे लोग (WhatsApp has become a 'disease', people who are suffering from habit)

वॉट्सएप बना है 'बीमारी', आदत से झल्ल रहे लोग (WhatsApp has become a 'disease', people who are suffering from habit)

वॉट्सएप बना है 'बीमारी', आदत से झल्ल रहे लोग (WhatsApp has become a 'disease', people who are suffering from habit)
वॉट्सएप और टेलीग्राम जैसी ऐप्स ने लोगों को दिनभर ऑनलाइन की आदत है. ऐसे में 24 घंटे ऑनलाइन हैं, वो उम्मीद हैं कि कोई दूसरा उनकी तरह 24 घंटे ऑनलाइन होगा. मैसेज का तुरंत जवाब न से लोग झल्ला रहे हैं. कोविड के बाद इस को और बढ़ावा है. मानें, तो जवाब की आदत बढ़ी है. मैसेज का तुरंत रिप्लाई नहीं पर चिढ़ना या चिंता करना लगातार ऑनलाइन के साइड इफेक्ट हैं.
Apps like WhatsApp and Telegram have made people online all day long. In such a situation, there are 24 hours online, they hope that someone else will be online 24 hours like them. People are getting upset by not responding to the message immediately. This is further encouraged after Kovid. If you believe, then the habit of answering has increased. Not responding to messages immediately, but being irritated or worried are side effects of being constantly online.

उम्मीद (Expected)

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के सोशल मीडिया लैब के डायरेक्टर प्रोफेसर जेफ हैनकॉक ने कहना है कि ज्यादातर लोगों के स्मार्टफोन पर सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म और मैसेजिंग ऐप्स इंस्टॉल्ड हैं. वो मैसेज का रिप्लाई देने में सक्षम हैं. ऐप्स की बढ़ती संख्या रिप्लाई पाने की उम्मीद है.
Professor Jeff Hancock, director of Stanford University's Social Media Lab, says that most people have social media platforms and messaging apps installed on their smartphones. They are capable of replying to messages. An increasing number of apps are expected to receive replies.

ऑनलाइन (Online)

24 घंटे ऑनलाइन रहने वाले सोचने लगते हैं कि दूसरा व्यक्ति भी तरह ऑनलाइन होगा और मैसेज को अनदेखा कर रहा है. लेकिन वो भूलते हैं कि लोगों के जीवन में और भी कई काम हैं. 
Those who are online for 24 hours start thinking that the other person will also be online and is ignoring the message. But they forget that there are many other things in the life of people.

नतीजे (Result)

प्रोफेसर जेफ हैनकॉक ने कहा कि स्मार्टफोन के जरिए हम एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से हैं. किसी ने दूसरे देश में बैठे व्यक्ति को मैसेज भेजा है और जवाब नहीं मिलता तो सामने वाला खुद से खतरनाक नतीजा निकालता है. वो भूलता है कि देश में भले ही सुबह है, लेकिन रात होगी. पार्टनर का रिप्लाई तुरंत नहीं आता तो समझने लगते हैं कि प्यार कम हो गया है. रिलेशनशिप में कड़वाहट बढ़ रही है.
वॉट्सएप बना है 'बीमारी', आदत से झल्ल रहे लोग (WhatsApp has become a 'disease', people who are suffering from habit)
Professor Jeff Hancock said that we are emotionally with each other through smartphones. Someone has sent a message to a person sitting in another country and if the answer is not received, then the person in front draws dangerous results from himself. He forgets that even though there is morning in the country, it will be night. If the partner's reply does not come immediately, then they start to understand that love has decreased. Bitterness is increasing in the relationship.






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