रूस-यूक्रेन के बीच जंग, फिर भी आपको सीधा 'नुकसान';कैसे? (The war between Russia-Ukraine, yet you have a direct 'loss'; How?)
Feb 25, 2022
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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने का सीधा असर जेब पर पड़ेगा. शेयर बाजार में गिरावट और सोने की कीमत में तेजी के रूप में पहले दिन ही असर दखाई दया. हालांकि शुक्रवार को शेयर बाजार में रिकवरी देखी है. आने वाले समय में असर घरेलू बाजार में कई चीजों पर तय है.
The outbreak of war between Russia and Ukraine will have a direct impact on the pocket. The announcement of the fight,was visible on the very first day in the form of a fall in the stock market and a rise in the price of gold. However, on Friday, the stock market has seen recovery. In the coming time, the impact is fixed on many things in the domestic market.
जानते हैं आने वाले समय में और क्या चीजें महंगी होती हैं?
(Know what other things are expensive in the coming time)
रसोई गैस और सीएनजी महंगी (LPG and CNG expensive)
भारत गैस की जरूरत प्राकृतिक गैस के रूप में यूक्रेन पर है. घरेलू डिमांड की आधी जरूरत यूक्रेन से नेचुरल गैस से पूरी है. युद्ध के लंबे समय तक से प्राकृतिक गैस के रेट बढ़ना तय है. सीएनजी और रसोई गैस की कीमत 10 से 15 रुपये बढ़ती हैं.
India is dependent on Ukraine for its gas requirement in the form of natural gas. Half of the domestic demand is met by natural gas from Ukraine. The rate of natural gas is set to increase from the prolongation of the war. The price of CNG and LPG increases by Rs 10 to 15.
पेट्रोल-डीजल के बढ़ें रेट (Increase rates of petrol and diesel)
कच्चे तेल के दाम बढ़ 7 साल के रिकॉर्ड स्तर पर हैं. पहले 2014 में क्रूड ऑयल 105 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचया था. पिछले ढाई महीने में क्रूड की कीमत में रिकॉर्ड तेजी है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के रेट में तेजी आना है. तेल कंपनियां चुनाव बाद 15 रुपये तक कीमतें बढ़ाती हैं.
Crude oil prices have risen to a record level of 7 years. Earlier in 2014, crude oil had reached $105 per barrel. There has been a record increase in the price of crude in the last two and a half months. In such a situation, the rate of petrol and diesel has to increase. Oil companies increase prices by up to Rs 15 after elections.
खाने तेल भी महंगा (Edible oil too expensive)
दोनों देशों के बीच लड़ाई से फसलों का उत्पादन पर असर पड़ेगा. यूक्रेन और रूस दुनिया में एक चौथाई गेहूं निर्यात हैं. ऐसे में सूरजमुखी, पाम और सोया तेल की सप्लाई पर असर पड़ेगा. यूक्रेन और रूस से भारत जरूरत का 90% तेल आयात है. फरवरी में अब तक बिल्कुल आयात नहीं हुआ. आयात कम से बाजार में खाने के तेल की कीमत में उछालना है.
The fight between the two countries will affect the production of crops. Ukraine and Russia account for a quarter of wheat exports in the world. In such a situation, the supply of sunflower, palm and soya oil will be affected. India imports 90% of its oil from Ukraine and Russia. There has been absolutely no import in February so far. Less imports have to inflate the price of edible oil in the market.
पैलेडियम महंगा (Palladium expensive)
जंग का ऐलान के बाद कारों और मोबाइल में यूज होने वाली पैलेडियम धातु के दाम बढ़ने है. यूक्रेन में तनाव के कारण कीमत पहले से बढ़ रही हैं. पैलेडियम का ज्यादा प्रोडक्शन रूस में है. इसका कीमत बढ़ने का असर मोबाइल फोन और कारों की कीमत के रूप में होता है.
After the declaration of war, the price of palladium metal used in cars and mobiles is going to increase. Prices are already rising due to tensions in Ukraine. Most of the production of palladium is in Russia. The effect of increasing its price is in the form of the price of mobile phones and cars.
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