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बाइक-स्कूटी लेने की सोच हैं तो पहले जाने ये खबर (If you are thinking of taking a bike-scooty, then first know this news)

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बाइक-स्कूटी लेने की सोच हैं तो पहले जाने ये खबर (If you are thinking of taking a bike-scooty, then first know this news)
बजट आने वाला है. हर छोटे-बड़े व्यापारी को बजट में सरकार से राहत की उम्मीद है. कोरोना से बेहाल लोग बजट में सहूलियत और रियायत हैं. ऑटो सेक्टर की टू-व्हीलर इंडस्ट्री कुछ इंतजार में है. सरकार फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की मांग है तो बजट के बाद टू-व्हीलर के दाम घटते हैं. 
Budget is coming. Every small and big businessman expects relief from the government in the budget. People suffering from Corona are convenience and concession in the budget. The two-wheeler industry of the auto sector is waiting for some time. If there is a demand of the Federation of Automobile Dealers Association of the Government, then the prices of two-wheelers decrease after the budget.

दरों में कमी (Reduction in rates)

ऑटो डीलर्स संगठन फाडा ने दोपहिया पर जीएसटी की दरों को 28 फीसदी से घटा 18 फीसदी की मांग है, ताकि डिमांड में बढ़ोतरी हो. दोपहिया लक्जरी उत्पाद नहीं है. जीएसटी दरों में कमी की जरूरत है. 15,000 से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व है,जिन पास 26,500 डीलरशिप हैं. 
Auto dealers organization FADA has demanded reduction of GST rates on two-wheelers from 28 per cent to 18 per cent, so that there is an increase in demand. Two wheeler is not a luxury product. There is a need for reduction in GST rates. It is represented by over 15,000 automobile dealers having 26,500 dealerships.

एक फरवरी पर निगाह (look at february)

वित्त मंत्री एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश करेंगी.पहले फाडा ने वित्त मंत्रालय से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत तक कम का अनुरोध है. 
The Finance Minister will present the Union Budget for the financial year 2022-23 in Parliament on February 1. First, FADA has requested the Finance Ministry to reduce the GST rates on two-wheelers by up to 18 percent.

उबारने में मदद (Help recover)

दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल विलासिता की वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि दैनिक कार्यों और यानी काम धंधे और ऑफिस के लिए है, 28% जीएसटी के साथ 2% उपकर, जो विलासिता उत्पाद पर है उसे दोपहिया वाहनों की श्रेणी के लिए उचित नहीं है.' 
बाइक-स्कूटी लेने की सोच हैं तो पहले जाने ये खबर (If you are thinking of taking a bike-scooty, then first know this news)
The use of two wheelers not as a luxury item but for daily work and ie business and office, 28% GST plus 2% cess, which is on luxury product, is not applicable to the category of two wheelers. '
फाडा का कहना है कि ऐसा हुआ तो कच्चे माल में तेजी के चलते वाहन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी को कुछ कम और टू व्हीलर्स की डिमांड बढ़ाने के साथ इंडस्ट्री को संकट से उबारने में मदद मिलेगी.
FADA says that if this happens, the continuous increase in vehicle prices due to the rise in raw materials will help the industry to come out of the crisis by reducing the demand for two wheelers and two wheelers.




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