मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर 48 फीसदी ब्याज का नुकसान (Loss of 48% interest on withdrawal of money before maturity)
Aug 18, 2021
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सरकार, बैंकों, डाकघर की तरफ से कई डिपॉजिट स्कीम चल रही हैं. लोग डिपॉजिट स्कीम बचत के लिए लेकर मैच्योर होने का इंतजार करते हैं ताकि ज्यादा पैसा मिल, लेकिन इमरजेंसी में पहले पैसा निकालना पड़ता है. स्कीम खतम से पहले पैसा निकालने पर काफी नुकसान होता है. ब्याज में कमी आती है और जुर्माना लगता है. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD) स्कीम के लिए नियम है.
There are many deposit schemes running by the government, banks, post office. People wait for maturity by taking deposit schemes for savings so that they can get more money, but in emergency they have to withdraw money first. There is a lot of loss if the money is withdrawn before the scheme ends. Interest is reduced and penalty is levied. There are rules for the Post Office Time Deposit (POTD) scheme.
पोस्ट ऑफिस टाइम स्कीम में पहले पैसा निकालने से नुकसान को एक उदाहरण से समझ ले.
Let us understand the loss in the post office time scheme by withdrawing money first with an example.
किसी व्यक्ति ने 5 साल के लिए 5 लाख रुपये का निवेश किया. निवेश के समय जमा राशि पर 6.7 फीसदी इंटरेस्ट रेट तय थी. इस हिसाब से हर साल 34,351 रुपये ब्याज मिलेंगे और यह ब्याज 5 साल तक मिलता रहेगा.
A person invested Rs 5 lakh for 5 years. At the time of investment, the interest rate on the deposit was fixed at 6.7 percent. Accordingly, interest of Rs 34,351 will be available every year and this interest will continue to be available for 5 years.
पैसा निकालने पर FD से ज्यादा नुकसान
(Loss more than FD when withdrawing money)
निवेश करने वाले को 3 साल बाद इमरजेंसी में पैसे की जरूरत होने से स्कीम को तोड़ना पड़ा. ऐसी में उसे पोस्ट ऑफिस से एकमुश्त 4,50,140 रुपये ही मिलेंगे. इस से जमाकर्ता को ब्याज पर 48 फीसदी का नुकसान होगा. स्कीम पहले बंद होती है तो ब्याज का घाटा और ज्यादा होगा. इस स्कीम की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से तुलना की जाए तो ग्राहक को ज्यादा नुकसान होता है.
The investor had to break the scheme after 3 years due to need of money in emergency. In such a situation, he will get only Rs 4,50,140 as a lump sum from the post office. Due to this, the depositor will suffer a loss of 48 percent on interest. If the scheme is closed earlier, then the loss of interest will be more. If this scheme is compared with Fixed Deposit (FD), then the customer suffers more loss.
मैच्योर पर फायदा
(Advantage on maturity)
मैच्योरिटी पर स्कीम में एफडी से ज्यादा रिटर्न होता है. स्कीम में बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज होता है. पहले पैसे निकालने पर जहां एफडी में 0.5-1.0 फीसदी तक जुर्माना लगता है वहीं, पीओटीडी में जुर्माने की दर ज्यादा होती है.
The scheme has higher returns on maturity than FDs. The scheme carries more interest than bank FDs. While there is a penalty of 0.5-1.0 percent in FD on the first withdrawal, the rate of penalty is higher in POTD.
6 महीने की लॉकिंग अवधि
(6 months locking period)
पीओटीडी स्कीम 1 से 5 साल के चार अलग पीरियड में होती है. इसमें समय से पहले निकासी की अनुमति नहीं है और पैसे निकालते हैं तो जुर्माना लगेगा. इसमें राशि जमा होने के 6 महीने तक पैसा बिलकुल नहीं निकाल सकते. जबकि एफडी कराने के अगले दिन उसे तोड़ा जा सकता है.
The POTD scheme is offered in four different periods ranging from 1 to 5 years. Premature withdrawal is not allowed in this and if you withdraw money then you will be fined. In this, money cannot be withdrawn at all for 6 months from the date of deposit. Whereas it can be broken the next day after getting the FD.
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