Chanakya Niti (चाणक्य नीति)
Jun 24, 2021
Comment
पति और पत्नी का रिश्ता रथ के दो पहियों की तरह है. जो सदैव साथ साथ चलते हैं. रथ का एक भी पहिया यदि थम जाए तो जीवन में सुख शांति प्रभावित होने लगती है. जीवन में सफलता के प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को दांपत्य जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए. क्योंकि जीवन की सफलता का रहस्य भी सुखद दांपत्य जीवन में ही निहित है. इसलिए इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए.
कलह और तनाव सुखद दांपत्य जीवन के लिए बड़ा ग्रहण हैं. इसे कभी नहीं लगने देना चाहिए. तनाव और कलह इस रिश्तें की खुशियों को नष्ट कर देती है. प्रतिभाशाली व्यक्ति भी अपनी प्रतिभा का पूर्ण लाभ नहीं ले पता है. जीवन में अंधकार और निराशा दिखाई देने लगती है.
प्रेम की कमी प्रेम हर रिश्ते की बुनियाद होती है. इमारत की बुनियाद यदि मजबूत है तो हर आंधी, तुफान को बर्दाश्त किया जा सकता है. लेकिन जब इस रिश्ते की बुनियाद कमजोर होती है तो आगे चलकर खुशियां बिखरने लगती हैं. जिस प्रकार से मुट्टी में रेत को पकड़ना मुश्किल है, उसी तरह से बिना प्रेम के इस रिश्तों को बनाए रखना कठिन है. इसलिए प्रेम की कमी न आने दें.
मर्यादा चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति का अपना सम्मान होता है. इस सम्मान को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए. व्यक्ति जब इस रिश्ते में इस बात की अनदेखी करने लगता है तो कलह और तनाव की स्थिति बनना आरंभ हो जाती है. एक दूसरे का आदर करें और मर्यादाओं का ध्यान रखें. ऐसा करने से दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है.
0 Response to " Chanakya Niti (चाणक्य नीति)"
Post a Comment
Thanks